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ई फार्मेसी का उत्तराखंड में भी पुरजोर विरोध, मेडिकल स्टोर बंद होने से लोग झेल रहे मुसीबत

ई फार्मेसी का उत्तराखंड में भी पुरजोर विरोध, मेडिकल स्टोर बंद होने से लोग झेल रहे मुसीबत

देशभर में ई फार्मेसी के विरोध...Editor

देशभर में ई फार्मेसी के विरोध के साथ ही उत्तराखंड में भी इसका पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार को प्रदेशभर के मेडिकल स्टोर सुबह से ही बंद कर दिए गए। इसके बाद से ही लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।

नगर उद्योग व्यापार मंडल के नेतृत्व में व्यापारी दोपहर में दून तिराहे में प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। राजधानी में दोपहर 12 बजे के बाद से सभी मेडिकल स्टोर बंद करने की अपील की गई है। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह से ही मेडिकल बंद हैं।

रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी समेत नैनीताल, हल्द्वानी में भी दुकानें बंद रखी गई। हरिद्धार में भी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर रखी हैं। चंद्राचार्य चौक, पुराना रानीपुर मोड़ आदि जगहों पर मेडिकल स्टोर्स बंद हैं। इससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। महासंघ के अध्यक्ष टीआर पांथरी, महामंत्री अमित गर्ग ने कहा सरकार की मनमानी के विरोध में दुकानों की बंदी का निर्णय लेना पड़ा।

रुड़की केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से ऑनलाइन दवा व्यापार के विरोध में शुक्रवार को शहर की सभी दवा दुकानों को बंद किया गया है। दवा कारोबारियों का कहना है कि कुछ व्यावसायिक घराने इंटरनेट एवं वेब पोर्टल के माध्यम से दवा की बिक्री कर रहे हैं।

ये हैं केमिस्ट की मांगे

-ऑनलाइन पोर्टल बिना किसी जवाबदेही के दवा के पर्चे की प्रमाणिकता को जांचे बिना ही दवा दे रहे हैं।

-एमटीपी किट, सिडनेफि ल कोडीन जैसी दवाओं को पंजीकृत मेडिकल प्रेक्टिशनर के पर्चे के बिना बेचा जा रहा है।

-मनोचिकित्सक, त्वचा रोग विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञों के पर्चे पर लिखी जाने वाली दवाओं को गैर योग्यता प्राप्त डॉक्टर के पर्चे पर खरीदा जाता है।

-दवाओं की ब्रिकी पुराने पर्चे या फि र बनावटी पर्चे पर की जाती है।

हमारा मकसद किसी को परेशान करना नहीं

केमिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि उनका मकसद किसी को परेशान करना नहीं है लेकिन सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है। कई बार वह सरकार को चेता चुके हैं लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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