पहाड़ों ने ओढ़ी बर्फ की चादर, पर्यटकों को आकर्षित कर रहीं चोटियां

पहाड़ों ने ओढ़ी बर्फ की चादर, पर्यटकों को आकर्षित कर रहीं चोटियां
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चमोली जिले के पर्यटन स्थल इन दिनों पर्यटकों की सैरगाह बने हुए हैं। खुले मौसम के बीच बर्फ से ढकी चोटियों के दीदार को बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। दरअसल जिले में ऊंची चोटियों के साथ ही कम ऊंचाई पर भी अच्छी-खासी बर्फबारी हुई है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है।

इस बार दिसंबर माह में पर्वतीय क्षेत्र की ऊंची चोटियों में अच्छी बर्फबारी हुई। इससे पहाड़ों की चोटियां सफेद नजर आ रही हैं। साथ ही ये चोटियां पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच रही हैं।

चमोली जिला हिमाच्छादित पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है। यहां नंदा देवी पर्वत (7816 मीटर), कामेट पर्वत (7756) व त्रिशूल पर्वत (7120 ) अपनी सुंदरता के लिए विख्यात हैं।

इसके अलावा नंदा घुंघटी, हाथी पर्वत, गौरी पर्वत, नीलकंठ, स्लीङ्क्षपग ब्यूटी, रतावन, अभिगामिन, माणा पीक, मुकुट पर्वत, दूनागिरी, सरस्वती पर्वत, मंदिर पर्वत, ग्यालढुंग व रोंती पर्वत समेत कई पर्वत शृंखलाएं भी यहां मौजूद हैं।

इनमें से अधिकतर पर्वत शृंखलाएं वर्षभर बर्फ से ढकी रहती हैं। इन दिनों भी ऐसा ही नजारा है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण जिले की अधिकतर पर्वत शृंखलाओं की भव्यता देखते ही बन रही है। प्रकृति के इन खूबसूरत नजारों को कैमरों में कैद करने के लिए इन दिनों बड़ी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक चमोली जिले की सैर को पहुंच रहे हैं।

पर्यटन स्थलों में डाला डेरा

पर्यटकों ने जिले के पर्यटन स्थलों में भी डेरा डाला हुआ है। नीति, मलारी, औली, गोरसों व वेदनी बुग्याल के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों पर लगातार पर्यटकों की चहलकदमी हो रही है। इससे इस सीमांत क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को भी चार चांद लग रहे हैं।

बर्फबारी के चलते पर्यटन कारोबारी प्रफुल्लित हैं। औली के पर्यटन व्यवसायी लक्ष्मी लाल शाह बताते हैं कि बीते दिनों औली व गोरसों में बर्फबारी के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

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