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उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला, जवानों की पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ, होंगे ये दो बड़े फायदे

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उत्तराखंड पुलिस आरक्षी-मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस, अभिसूचना और सशस्त्र पुलिस) सेवा नियमावली में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी के साथ सिपाहियों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया।

वरिष्ठता के आधार पर करीब 700 पुलिसकर्मी पदोन्नति पाकर अब हेड कांस्टेबल बन जाएंगे। प्रमोशन के दौरान पुलिसकर्मियाें को कैडर बदलने का विकल्प भी मिल जाएगा। साथ ही चरित्र पंजिका में लघु और दीर्घ दंड का प्रावधान भी किया गया है।

राज्य गठन के बाद पहली बार बनी उत्तराखंड पुलिस आरक्षी-मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस, अभिसूचना और सशस्त्र पुलिस) सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया था। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधन को स्वीकार कर लिया गया।

इससे सिविल पुलिस, अभिसूचना और सशस्त्र पुलिस कर्मियाें के प्रमोशन की राह खुल गई। नियमावली लंबित होने के कारण लंबे समय से उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पाया है। नियमावली में कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति के समय सिविल पुलिस से अभिसूचना और अभिूसचना से सशस्त्र पुलिस में संवर्ग बदलने का मौका मिलेगा।

पीएसी जवानों का मामला अभी लंबित

संवर्ग मेरिट के आधार पर बदला जा सकेगा। पद की उपलब्धता के हिसाब से आवंटित संवर्ग में पदोन्नति अनुमन्य होगी। चरित्र पंजिका (सीआर) में पांच सालाें में मिले लघु और दीर्घ दंड का उल्लेख करने की भी व्यवस्था की गई है। चरित्र पंजिका में छुद्र दंड (अनुशासहीनता में मौके पर दिए गए दंड) का उल्लेख नहीं होगा।

आरक्षी, मुख्य आरक्षी और उप निरीक्षक सेवा नियमावली पर तो शासन की मोहर लग गई है। इसी कड़ी में उप निरीक्षकाें को निरीक्षक पद पर पदोन्नति दिए जाने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। अब सिर्फ पीएसी की सेवा नियमावली रह गई है। पीएसी में भी करीब 500 जवानाें को पदोन्नति दी जानी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जनवरी माह के अंत तक पीएसी की सेवा नियमावली को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

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