इस बार मौनी अमावस्या पर बन रहा दुर्लभ संयोग, ये करने से मिलेगा पुण्य
- In उत्तराखंड 3 Feb 2019 4:26 PM IST
माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या सोमवार को है। इस दिन सोमवती अमावस्या का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। श्रद्धालु मौन व्रत धारण कर पवित्र नदियों और संगम में स्नान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन अन्न, वस्त्र, धन, गो और भूमि का दान करने से सतयुग के तप के बराबर पुण्य मिलता है। वहीं पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य वंशीधर नौटियाल के अनुसार मौनी अमावस्या रविवार रात 11 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी, जो पांच फरवरी रात 2 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। उनका कहना है कि इस दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। सूर्य को लाल चंदन से अर्घ्य दें। पीपल के पेड़ की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने से यश मिलता है।
मौनी अमावस्या स्नान के लिए पुलिस चौकस
हरिद्वार में चार फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या स्नान के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने शनिवार को मेला ड्यूटी में तैनात रहने वाले राजपत्रित अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें स्नान पर्व के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रणनीति बनाई गई। स्नान पर्व पर डायवर्जन लागू करने का फैसला भी लिया गया है।
रोशनाबाद में बैठक के दौरान एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने मेला प्रभारी व एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय से अब तक की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो तैयारियां बाकी रह गई हैं, उन्हें जल्द पूरा कर लिया जाए। एसएसपी ने मेला ड्यूटी में तैनात राजपत्रित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह संयुक्त रूप से मेला क्षेत्र का भ्रमण करें और नगर निगम, ऊर्जा निगम, स्वास्थ विभाग व जल संस्थान जैसे विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कराएं, जिससे स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्याएं न हो। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हरकी पैड़ी आदि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बीडीएस व डाग स्क्वॉयड से गहनता से चेकिंग कराई जाए।
तीन फरवरी की रात से नहीं चलेंगे भारी वाहन
स्नान पर्व पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत पर्व के दौरान भारी वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। तीन फरवरी की रात 12 बजे से मेला संपन्न होने तक मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले भारी वाहनों को बिझोली में रोका जाएगा। सहारनपुर से आने वाले भारी वाहनों को ख्याति ढाबा, बहादराबाद में रोक दिया जाएगा। लक्सर की ओर से आने वाले भारी वाहनों को फेरूपुर, पथरी, देहरादून की ओर से आने वाले भारी वाहनों को चौकी लालतप्पड़ और ऋषिकेश की ओर से आने वाले भारी वाहनों को चौकी सप्तऋषि व मोतीचूर पार्किंग में रोका जाएगा। जबकि नजीबाबाद की ओर से आने वाले भारी वाहन चिडिय़ापुर व कांगड़ी पार्किंग में रोके जाएंगे।
छोटे और सवारी वाहन भी रहेंगे डायवर्ट
स्नान के दौरान छोटे और सवारी वाहनों के लिए भी डायवर्जन व्यवस्था लागू की गई है। दिल्ली की ओर से आने वाले सभी वाहन, जिन्हें ऋषिकेश जाना है, रूड़की से छुटमलपुर वाया देहरादून होते हुए भेजे जाएंगे और इसी रास्ते दिल्ली जाएंगे। ऋषिकेश से हरिद्वार की ओर से आने वाले सभी वाहन वाया चीला मार्ग से अपने गंतव्य की ओर जाएंगे और इसी मार्ग से ऋषिकेश जाएंगे। टूरिस्ट व रोडवेज बसों के लिए रिजर्व पार्किंग का इंतजाम किया गया है। देहरादून ऋषिकेश की ओर से आने वाली बसों के लिए मोतीचूर पार्किंग, नजीबाबाद की ओर से आनी वाली बसों के लिए नीलधारा पार्किंग और दिल्ली की ओर से आने वाली बसों के लिए बैरागी कैम्प अलकनंदा पार्किंग को रिजर्व किया गया है। शंकराचार्य चौक पर दबाव बढ़ता है तो बसों को ऋषिकुल मैदान में ही रोका जाएगा और पार्क किया जाएगा।