टास्क फोर्स ने तोड़े 122 अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
- In उत्तराखंड 28 Aug 2018 12:59 PM IST
हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स ने 122 अतिक्रमण गिराए। इस दौरान शहर के तीन जोन में 167 नए अतिक्रमण चिह्नित किए गए।
टास्क फोर्स की चार टीमों ने बल्लीवाला से सीमाद्वार के बीच करीब 28 अतिक्रमण ध्वस्त किए। यहां एसडीएम चकराता बृजेश तिवारी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। इस टीम ने देहराखास में अस्थायी घेरबाड़ को भी ध्वस्त किया।
इसके अलावा रेसकोर्स क्षेत्र में एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। यहां सड़क किनारे रैंप, नाली के ऊपर कब्जा हटाते हुए 94 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। इधर 27 जून से शुरू हुए अभियान के तहत शहर में 4134 अवैध अतिक्रमण ध्वस्त और 7564 पर लाल निशान लगाए गए हैं।
वीडियोग्राफी से अतिक्रमण पर नजर
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि वीडियोग्राफी से शहर के अतिक्रमण पर नजर रखी जा रही है। हटाए गए अतिक्रमण वाले स्थान पर दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए टास्क फोर्स को विशेष निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की संख्या ज्यादा है। ऐसे में प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द से जल्द अतिक्रमण हटा दिया जाए।
विभाग समयबद्ध पूरा करें कार्य
अपर मुख्य सचिव ने अतिक्रमण अवमुक्त करने के बाद जहां सौंदर्यीकरण और सुधार का कार्य होना है, वहां तय योजना के तहत कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। इसके लिए सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें।
अतिक्रमणकारियों को बचा रही है सरकार: हाईकोर्ट
हाई कोर्ट ने ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर नगर निगम की भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के मामले में सख्त रवैया अपना लिया है। कोर्ट ने सरकार को इस मामले में दुबारा जवाब दाखिल करने के आदेश पारित करते हुए अगली सुनवाई चार सितंबर नियत कर दी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार की मंशा अतिक्रमणकारियों को बचाने की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में शहरी विकास विभाग के निदेशक आरके सुधांशु व जिलाधिकारी रुद्रपुर नीरज खैरवाल पेश हुए और जवाब दाखिल किया। सरकार की ओर से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की।
यहां बता दें कि हाई कोर्ट ने दो साल पहले नौ नवंबर रुद्रपुर नगर निगम की 551.89 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया था। तब सरकार द्वारा कोर्ट में हलफनामा पेश कर कहा था कि निगम की 551.89 एकड़ नजूल भूमि पर 14 हजार 154 अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा किया गया है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करने पर कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रमुख सचिव शहरी विकास व प्रमुख सचिव आवास को तलब किया था। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार की मंशा अतिक्रमणकारियों को बचाने की। कोर्ट ने दोबारा जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई चार सितंबर नियत कर दी।