उत्तराखंड में हुए 2016 के सत्ता संग्राम को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने किया बड़ा खुलासा

पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के 100 करोड़ के खुलासे पर सियासी हलचल मची है। सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2016 के सत्ता संग्राम के दौरान से जुड़ी एक और अहम बात का खुलासा कर दिया।

उन्होंने बताया कि इस तरह की खबरें उस वक्त आ रही थीं कि नौ विधायकों की सदस्यता पर फैसला देने से पहले कुंजवाल को उठाया जा सकता है। इस वजह से हमारी पूरी नजर कुंजवाल पर थी। उनकी सुरक्षा भी उस वक्त बढ़ा दी गई थी।

कुंजवाल ने कुमाऊं में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में खुलासा किया था कि हरीश रावत सरकार को गिराने के लिए उन्हें 100 करोड़ की पेशकश की गई थी।

28 मार्च 2016 को था फ्लोर टेस्ट

इसको ठुकराने के बाद उनसे कहा गया था कि वह विधायकों की सदस्यता खत्म न करें, बदले में उन्हें सीएम बनवा दिया जाएगा। इस खुलासे के बाद भाजपा अब कुंजवाल पर लगातार हमले कर रही है। कुंजवाल को लेकर कांग्रेस के भीतर भी बिखराव है। प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह एक दिन पहले कह चुके हैं कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं रही है।

सोमवार को 'अमर उजाला' से बातचीत में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उस वक्त खरीद-फरोख्त के प्रयास हुए थे, इसकी जानकारी खुद विधायकों ने मीडिया को दी थी। 27 मार्च 2016 को स्पीकर का नौ विधायकों की सदस्यता पर फैसला आना था, जबकि 28 मार्च 2016 को फ्लोर टेस्ट था।

इन स्थितियों में स्पीकर की सुरक्षा को लेकर सरकार और उसकी पूरी मशीनरी चिंतित थी। खबरें ये भी थीं कि कुंजवाल को उठाया जा सकता है। इसलिए हमने पूरी एहतियात रखी। रावत ने कहा कि उस वक्त चूंकि हम कानूनी लड़ाई में चले गए थे, इसलिए कुंजवाल ने खुलासा करना मुनासिब नहीं समझा था।

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