नीतीश ने किया बुद्ध की 70 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण
- In उत्तराखंड 26 Nov 2018 2:31 PM IST
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की शाम राजगीर महोत्सव का उद्घाटन किया। राजगीर में तीन दिनों तक मनाए जाने वाले महोत्सव का समापन 27 नवंबर को होगा। उद्घाटन के अवसर पर सीएम के साथ कई मंत्री भी शामिल रहे। उद्घाटन के बाद पहली शाम बॉलीवुड गायिका अनुराधा पौडवाल व उनकी पुत्री कविता पौडवाल ने सुरों से महफिल में चार चांद लगा दिया। महोत्सव के उद्घाटन के पहले मुख्यमंत्री ने घोड़ा
कटोरा जलाशय के बीच निर्मित भगवान बुद्ध की देश की सबसे ऊंची 70 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया।
भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण
राजगीर महाेत्सव के उद्घाटन के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पूर्वाह्न काल में घोडाकटोरा स्थित भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। यह देश में भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इस अवसर पर आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से धार्मिक प्रक्रियाएं पूरी की।
सारनाथ की प्रतिमा की प्रतिकृति:
भगवान बुद्ध की यह प्रतिमा सारनाथ में स्थापित प्रतिमा की प्रतिकृति है। घोड़ा कटोरा में बुद्ध की प्रतिमा की स्थापना का महत्व इसलिए भी अधिक है कि इसके ठीक पीछे गिरियक की तरफ घोड़ा कटोरा पहाड़ी पर बुद्ध के सबसे प्रिय शिष्य सारिपुत्र की अस्थियां स्तूप में दफन हैं। स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने कराया था। बुद्ध सारिपुत्र को अपने समानांतर मानते थे। सारिपुत्र ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई थी।
बीते 23 नवंबर को गुरू पूर्णिमा के दिन गिरियक में अशोक कालीन स्तूप से सारिपुत्र वर्ल्ड पीस वॉक निकाला गया था। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व के बारे में लोगों को बताया गया था। इस पीस वॉक का आयोजन डीम्ड यूनिवर्सिटी नव नालंदा महाविहार की ओर से किया गया था।
शांति और समाज सुधार का संदेश देता राजगीर महोत्सव
इसके बाद देर शाम तीन दिनी राजगीर महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में पांच धर्म के महान लोगों को प्रेरणा मिली। राजगीर महोत्सव का आयोजन भी शांति, प्रेम, भाईचारा, सद्भाव, अहिंसा और समाज सुधार के संदेश देने के लिए किया गया है। महोत्सव का स्वरूप व्यापक हो गया है। बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी हो गई है। सीएम ने महोत्सव के सांस्कृतिक आयोजन में स्थानीय युवाओं की भागीदारी पर जोर दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, राजगीर पौराणिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जगह है। इसी को ध्यान में रखकर यहां का विकास किया जा रहा है। राजगीर के साइक्लोपीयन वॉल का अध्ययन कराया जा रहा है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही केंद्र सरकार से बात कर इसे प्राचीन नालंदा विवि के भग्नावशेषों की तरह विश्व धरोहर का दर्जा दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बख्तियारपुर में ही रहकर बख्तियार खिलजी ने नालंदा विवि को नष्ट किया था। मैं भी उसी बख्तियारपुर में पैदा हुआ और नालंदा विवि की पुनर्स्थापना करा दी। कहा, हम हर चीज़ को तार्किक परिणति तक पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से वे कोई समझौता नहीं करेंगे। न्याय के साथ विकास जारी रहेगा। समाज में एकजुटता का भाव हो और कटुता खत्म हो तो बिहार फिर से पुराना गौरव प्राप्त कर लेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर आने में किसी को भय न लगे, इसलिये सीआरपीएफ कैम्प और पुलिस ट्रेनिंग कैम्प बनवाए गए। तीन दिसम्बर से पुलिस ट्रेनिंग कैंप शुरू हो जाएगा। यहां सिर्फ अफसर ही नहीं, महिला व पुरुष जवानों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर से फोर लेन सड़क एलिवेटेड रोड के जरिये गुजारी जाएगी। लोग ऊपर ऊपर से ही राजगीर की खूबसूरती का दीदार करते गुजरेंगे। कन्वेंशन सेंटर परिसर में लगी मद्य निषेध वाटिका का जिक्र करते हुये लोगों को नकली दारू से सचेत किया।
अनुराधा व कविता पौडवाल के सुरों से सजी शाम
राजगीर महोत्सव के उद्घाटन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पहली शाम बॉलीवुड गायिका अनुराधा पौडवाल व उनकी पुत्री कविता पौडवाल ने सुरों से महफिल में चार चांद लगा दिया। 27 नवंबर को मंच से मुंबई फिल्मों के अलावे भोजपुरिया फिल्मों में अपनी गायिकी का लोहा मनवा चुकीं गायिका वर्षा त्रिपाठी प्रमुख आकर्षण होंगी।