Home > प्रदेश > उत्तराखंड > दो और शिक्षकों की B.ED की डिग्री निकली फर्जी, देश की नामी यूनिवर्सिटी का नाम आया सामने

दो और शिक्षकों की B.ED की डिग्री निकली फर्जी, देश की नामी यूनिवर्सिटी का नाम आया सामने

दो और शिक्षकों की B.ED की डिग्री निकली फर्जी, देश की नामी यूनिवर्सिटी का नाम आया सामने

शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की...Editor

शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच में दो और शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने वर्ष 2014 में भर्ती दोनों शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी पाई है। जांच में डिग्री सही साबित करने के लिए एक शिक्षक द्वारा फर्जी लेटर के माध्यम से जांच टीम को गुमराह करने की बात भी सामने आई है।

एसआईटी जांच में वर्ष 2012 से 2015 तक भर्ती हुए सैकड़ों शिक्षकों के नाम फर्जीवाड़े में सामने आ चुके हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में इनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। दून के डोईवाला में भी दो शिक्षकों की फर्जी तरीके से भर्ती का मुकदमा चल रहा है।
एसआईटी की इंचार्ज एसपी सीबीसीआईडी स्वेता चौबे के अनुसार हाल ही में जांच के दौरान पौड़ी गढ़वाल के पोखरा जयकोट में तैनात शिक्षिका गायत्री देवी और देहरादून कालसी में तैनात अमरीश कुमार का नाम फर्जीवाड़े में आया है। नौकरी के लिए इन शिक्षकों ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी की डिग्री प्रस्तुत की थी।
दोनों आरोपी शिक्षक वर्ष 2014 से सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं। दस्तावेजों की जांच के दौरान गोरखपुर युनिवर्सिटी से डिग्री में दर्शाए गए रोल नंबर और एनरोलमेंट नंबर पर किसी और का नाम अंकित होने की बात पकड़ में आई। वहीं जांच के दौरान गायत्री की डिग्री के संबंध में यूनिवर्सिटी से दो पत्र प्राप्त हुए थे।
एक पत्र में डिग्री गलत होने की बात थी, लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें दूसरा पत्र प्राप्त हुआ जिसमें डिग्री सही होने की पुष्टि की गई। इस पर एसआईटी के एक सदस्य ने यूनिवर्सिटी जाकर पड़ताल की तो दूसरा पत्र फर्जी तरीके से बनवाने का मामला सामने आया। दोनों शिक्षकों की जांच रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेज दी गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में साल 2012 से 2015 तक बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद अक्टूबर 2017 में पुलिस मुख्यालय की ओर से इसकी जांच के लिए सीबीसीआईडी एसपी स्वेता चौबे के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। तब से इस मामले में सैकड़ों अध्यापकों के नाम सामने आ चुके हैं। इस प्रकरण में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा जताया जा रहा है।

Tags:    
Share it
Top