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उत्तराखंड के आईजी दीपम सेठ के बेटे ने CISCE नतीजों में मारी बाजी, 98 % के साथ बढ़ाया मान
- In उत्तराखंड 15 May 2018 12:13 PM IST
आईजी दीपम सेठ के बड़े बेटे...Editor
आईजी दीपम सेठ के बड़े बेटे शुभांकर सेठ के बाद सोमवार को आए सीआईएससीई के नतीजों में छोटे बेटे आर्यमान मिहिर सेठ ने भी नाम रोशन कर दिया।
आर्यमान ने 98 प्रतिशत अंकों के साथ पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। रोचक बात यह भी है कि बड़े भाई की तरह छोटा भाई भी पढ़ाई के अलावा खेलों में नाम कमा रहा है।
उत्तराखंड के आईजी(कानून व्यवस्था) दीपम सेठ के छोटे बेटे आर्यमान मिहिर सेठ ने 10वीं में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
आर्यमान का सपना एस्ट्रो फिजिक्स में शोध करना
आर्यमान ने प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। आर्यमान का सपना एस्ट्रो फिजिक्स में शोध करना है।
आर्यमान से पहले उनके बड़े भाई शुभांकर मिहिर सेठ ने ब्राइटलैंड से 10वीं में पूरे प्रदेश में 98.4 प्रतिशत अंकों के साथ टॉप किया था। बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए आर्यमान ने यह कामयाबी हासिल की है।
आईजी दीपम सेठ का कहना है कि वह जब भी ड्यूटी से घर आते तो बेटे से पढ़ाई के बारे में जरूर पूछते थे। आर्यमान स्कूल में हर वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेता रहा है।
उन्होंने जूनियर नेशनल ताईक्वांडो प्रतियोगिता में दो मेडल हासिल किए हैं। आर्यमान ने ताइक्वांडो में रेड बेल्ट और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। वह स्टेट लेवल क्विज और डिबेट में विजेता में भी आते रहते हैं। संगीत और फि ल्मों में उनकी काफी रुचि है। उनकी मां डॉ. गौरी सेठ वर्तमान में आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी और डीआईटी यूनिवर्सिटी में में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं।
मां बनवाती थी टाइम टेबल
आर्यमान के पिता आईजी दीपम सेठ और मां डॉ. गौरी सेठ ने भी बेटे के साथ खूब मेहनत की। मां डॉ. गौरी ने बताया कि वह हमेशा इस बात का ख्याल रखती थी कि बेटे का पढ़ाई का टाइम टेबल सही तरह से बन जाए। इसके लिए वह टाइम टेबल बनवाने में मदद करती थी। पिता दीपम सेठ ने बताया कि बेटे का रुझान पढ़ाई के साथ ही खेल व क्विज प्रतियोगिताओं में भी था, इसलिए वह हमेशा यह कोशिश करते थे कि बेटे का पढ़ाई के साथ तालमेल बना रहे। बाकी बेटा खुद ही इतना होशियार था कि वह सेल्फ स्टडी से तैयारी करता था। आर्यमान ने कभी पढ़ाई को बोझ नहीं माना और माता-पिता ने अपेक्षाओं का बोझ बढ़ने नहीं दिया। आर्यमान का कहना है कि कभी भी वह घंटों के हिसाब से अपनी तैयारी नहीं करते थे बल्कि ऐसा टाइमटेबल बनाते थे, जिसमें खेल भी शामिल रहे।
आर्यमान का रिपोर्ट कार्ड
इंगलिश : 93
हिंदी : 99
हिस्ट्री,सिविक्स, ज्योग्राफी : 99
मैथ्स : 99
साइंस : 99
कंप्यूटर : 100
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