6980 लावारिस लोगों की अस्थियों को मिला गंगा का आश्रय...
- In उत्तराखंड 30 Sept 2018 2:09 PM IST
देश के अलग-अलग राज्यों से लाई गई हजारों लावारिस लोगों की अस्थियों को आखिरकार गंगा की गोद मिल गई। पिछले 16 वर्ष से यह पुण्य कार्य करती आ रही श्री देवोत्थान सेवा समिति इस बार कुल 6980 अस्थि कलश लेकर हरिद्वार पहुंची। भूपतवाला के निष्काम सेवा ट्रस्ट से बैंड बाजों व झांकियों के साथ अस्थि कलश यात्रा शुरू की गई। जिसके बाद कनखल के सती घाट पर पूरे विधि विधान के साथ अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर दिया गया। इनमें 295 अस्थि कलश पाकिस्तान से लाए गए थे।
समिति के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने कहा कि कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज की प्रेरणा से बीते 16 वर्ष से निरंतर चल रहे लावारिस व्यक्तियों की अस्थि विसर्जन के इस पुण्यदायी अभियान के तहत अब तक करीब एक लाख इक्कीस हजार पांच सौ तेरह अस्थि कलशों को वैदिक रीति से गंगा में विसर्जित किया जा चुका है।
इसमें पाकिस्तान से लाए गए 295 अस्थि कलश भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पतित पावनी मां गंगा ही मोक्ष प्रदाता है, जिसके आचमन मात्र से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि अस्थियों को गंगा की गोद में स्थान मिलने पर मृत व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वहीं, जूना अखाड़े के महंत विद्यानंद सरस्वती महाराज, श्री देवोत्थान सेवा समिति के महामंत्री विजय शर्मा, भारत साधु समाज के प्रदेश अध्यक्ष महंत देवानंद सरस्वती और स्वामी ऋषिश्वरानंद आदित्य नरेंद्र, अक्षिता शर्मा, प्रदीप जैन, गुरुमाता राजेश्वरी देवी आदि शामिल रहे।