70 करोड़ मिलें तो बने उत्तराखंड की 30000 सड़कों के नक्शे
- In उत्तराखंड 29 Aug 2018 1:32 PM IST
सड़कों के दुरुपयोग, क्षति अनाधिकृत प्रयोग और अतिक्रमण से बचाने के लिए वर्ष 2014 में उत्तराखंड सड़क संरचना सुरक्षा अधिनियम तो बन गया, लेकिन इसे लागू करने के लिए जरूरी सड़कों के नक्शे बनाने का काम अब तक नहीं हुआ।
अधिकारियों की लापरवाही और बजट के अभाव में ये काम लंबे समय से अटका पड़ा है। नक्शे बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को कम से कम 70 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। गौरतलब है कि विभाग के पास उत्तरप्रदेश के समय की बनी सड़कों के ही नक्शे हैं। ये नक्शे उत्तरप्रदेश सड़क संरचना सुरक्षा अधिनियम के तहत बने थे। सड़कों के सर्वेक्षण से यह मालूम हो सकेगा कि सड़क के केंद्र से उसके दोनों किनारों की निर्धारित दूरी कितनी है। विभाग के सामने राज्य निर्माण के बाद करीब 30 हजार सड़कों के नक्शे बनाने की चुनौती है।
...तब सड़कों पर यूं कब्जों की छूट नहीं होती
अधिनियम के तहत समयबद्ध ढंग से सड़कों के नक्शे तैयार कर लिए जाते तो सड़कों, संपर्क मार्गों पर यूं अवैध कब्जे नहीं होते। आज हालात यह हैं कि राजधानी से लेकर जनपदों, तहसीलों और ब्लाकों तक में सड़कें और रास्तों में स्थाई और अस्थाई कब्जे हो रहे हैं, और कानून होने के बावजूद शासन और प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब सड़कों से अवैध कब्जे हटाने का अभियान चल रहा है। लेकिन प्रदेश में उन मार्गों से अतिक्रमण हटाने में विभाग को परेशानी हो सकती है, जहां उसने नक्शे तैयार नहीं कराए हैं।
ये हैं मुख्य प्रतिबंध
अधिनियम के तहत सड़कों पर कोई स्थायी, अस्थायी या चलित संरचना नहीं बनाएगा। वर्कशाप, वाणिज्यिक गतिविधि, पशुओं को बांधने में इस्तेमाल नहीं करेगा। नालियों को अवरुद्ध नहीं करेगा। खुदान की मिट्टी, मलबा नहीं डालेगा। अनधिकृत रूप से सामग्री का भंडारण नहीं करेगा। हैंडपंप या पेट्रोल पंप नहीं लगाएगा। इसके अलावा कई अन्य गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं।
अधिनियम के तहत सड़कों के नक्शे तैयार कर उन्हें अधिसूचित किया जाना है। एडीबी के तहत निर्माणाधीन 1000 किमी सड़कों के नक्शे तैयार हो रहे हैं। इसके बाद 1200 किमी सड़कों के नक्शे बनाने का काम शुरू होगा। सबसे पहले करीब 4000 किमी लंबे स्टेट हाईवे के नक्शे बनाएंगे। सड़कों पर अतिक्रमण रोकने के विभाग के पास और भी उपाय हैं। मार्ग की भूमि का दाखिल-खारिज विभाग के नाम पर है। इस आधार पर भी विभाग कब्जों की पहचान कर कार्रवाई कर सकता है।
- आरसी पुरोहित, प्रमुख अभियंता, लोनिवि