छुट्टा पशुओं की समस्या से छुटकारे के लिए एक और कदम, गौ-आश्रय स्थलों के लिए बनेगा कोष
- In उत्तरप्रदेश 29 May 2019 4:50 PM IST
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही राज्य सरकार ने लोगों को छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया हैै। ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों में बनाये जा रहे अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों के संचालन व प्रबंधन और उनमें रखे जाने वाले पशुओं के पालन-पोषण के लिए कॉपर्स फंड गठित करने की खातिर सरकार ने उप्र गौ-संरक्षण एवं संवर्धन कोष नियमावली-2019 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस नियमावली पर मुहर लगी।
प्रदेश में किसान छुट्टा पशुओं की समस्या से परेशान हैं। इन आवारा पशुओं की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी सरकार को इस मुद्दे पर लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। लिहाजा चुनाव निपटते ही सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। गौरतलब है कि सरकार ने बीती दो जनवरी को शासनादेश जारी कर ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों और स्थानीय नगरीय निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना के लिए नीति निर्धारित की थी। शासनादेश के क्रम में इस समस्या पर नजर रखने के लिए प्रदेश स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति गठित की गई थी। समिति के फैसले के क्रम में बीती 28 जनवरी को जारी आदेश में अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों के संचालन के लिए कॉपर्स फंड गठित करने का निर्णय लिया गया था।
कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस कॉर्पस फंड से जिले के गौवंश आश्रय स्थलों में अस्थायी और अति आवश्यक परिसंपत्तियों का निर्माण किया जाएगा और उत्पादन इकाइयों के लिए सहायता राशि दी जा सकेगी। गौवंश आश्रय स्थलों में रखे जाने वाले गोवंश का पालन-पोषण, संरक्षण व निस्तारण किया जा सकेगा।
ऐसे गठित होगा फंड
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कॉर्पस फंड के लिए दान व चंदा, केंद्र व राज्य सरकार या किसी सरकारी संगठन से आर्थिक सहायता, औद्योगिक प्रतिष्ठान, गैर सरकारी संगठन या धर्मार्थ संस्था से प्राप्त धनराशि, मंडी परिषद द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क का दो प्रतिशत, आबकारी विभाग के वार्षिक राजस्व का 0.5 प्रतिशत तथा यूपीडा आदि द्वारा वसूले जाने वाले टोल टैक्स का 0.5 प्रतिशत लिया जाएगा।