आज सावन के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

आज सावन के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब
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लखनऊ। सावन के अंतिम सोमवार को आज तड़के से ही प्रदेश के विख्यात शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा गोरखपुर, कानपुर, इलाहाबाद, मेरठ तथा अन्य सभी जिलों में लोग जलाभिषेक करने को लंबी-लंबी लाइन में देखे गए। लखनऊ तथा पास के जिलों में सुबह से ही बारिश के बाद भी भक्तों की भीड़ मंदिरों में बढ़ती ही जा रही थी।

सावन के आखिरी सोमवार को आज प्रदेश के सभी शिवालयों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्तों का दृश्य देखते ही बन रहा है। यहां पर बम भोले के उद्घोष और शंखनाद की ध्वनियां आस्था की अनुपम छटा पेश कर रही हैं।वाराणसी में आज दूर-दूर से कांवडिय़ों और आम भक्तों की भीड़ विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए लंबी लाइन लगाकर बाबा की एक झलक पाने को बेताब दिख रही है। शहर के अलग-अलग मंदिरों में भी बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि सावन के चारों सोमवार को वाराणसी में कांवडिय़ों की जबरदस्त भीड़ है।

इसे देखते हुए आखिरी सोमवार को भी प्रशासन ने ज्यादा भीड़ रहने का अंदाजा लगाते हुए तैयारियां मुकम्मल कर रखी थीं। विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने जाने से पहले कांवडिय़ों का जत्था दशाश्वमेध घाट पर स्नान के लिए जाता है। यहां पर पानी के बढ़ाव की वजह से कोई हादसा न हो इसे दृष्टिगत रखते हुए गंगा नदी में कुछ दूर पर बैरिकेडिंग कर इसके आगे कांवडिय़ों को न जाने की हिदायत दी जा रही थी। एनडीआरएफ और पीएसी की टीम को भी गंगा के किनारे लगाया गया है। इसके अलावा श्रीविश्वनाथ मंदिर के आसपास और हाईवे पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।

लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है। इसके बीच इंद्रदेव ने भी शिव भक्तों को बड़ी राहत दी है। कानपुर के बाबा आनंदेश्वर मंदिन के साथ ही गोरखपुर के बाबा गोरखनाथ मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ है। मेरठ के औघडऩाथ तथा इलाहाबाद के मनकामेश्वर मंदिर में लोग सुबह से ही बड़ी संख्या में जलाभिषेक कर रहे हैं।

क्या है मान्यता

मान्यता है कि अगर सावन के सोमवार को शिव को जल या दूध अर्पित किया जाए तो पूरी जिंदगी शिव का आशीर्वाद बना रहता है। शायद यही वजह है कि महादेव का आशीष प्राप्त करने की आशा लिए लोग सावन के अंतिम सोमवार को वाराणसी के साथ ही अन्य शहरों में जलाभिषेक करने को तड़के से ही मंदिरों में हैं।

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