आतंकी कमरुज्जमा के निशाने पर कानपुर के बाद लखनऊ और मेरठ भी थे, हिजबुल कमांडरों के संकेत का था इंतजार

गणेश चतुर्थी पर कानपुर के सिद्धि विनायक मंदिर के आस-पास विस्फोट की साजिश में गिरफ्तार हुए हिजबुल आतंकी कमरुज्जमा के निशाने पर लखनऊ व मेरठ भी थे। पर, इन जगहों पर कब और क्या किया जाना था यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। दूसरी तरफ इस मामले की जांच एनआईए को सौंपने की संभावना बनी हुई है। हालांकि, एनआईए ने इस बाबत अभी कोई औपचारिक कदम नहीं उठाया है।
इस बीच, एटीएस ने कमरुज्जमा के उन दो साथियों की तलाश तेज कर दी है जो कानपुर योजना में उसके साथ वहां मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि कमरुज्जमा के दोनों साथियों के नाम-पता चल चुके हैं पर इन्हें अभी गोपनीय रखा जा रहा है। एटीएस को इन दोनों के बारे में कुछ और ठोस जानकारी मिली है। इसके आधार पर उनकी गुपचुप तलाश चल रही है।
असम पुलिस ने भी कई को पकड़ा
एटीएस के सूत्र बताते हैं कि कमरुज्जमा ने अभी इतना ही बताया है कि अगला टारगेट लखनऊ या मेरठ में कोई एक जगह थी। इन जगहों पर क्या किया जाना था यह अभी स्पष्ट नहीं था। इस बाबत हिजबुल के कमांडर उसे कानपुर घटना के बाद जानकारी देने वाले थे।
इसके अलावा असम में कमरुज्जमा के सेफ हाउस की तलाश कर उसके कई जानने वालों को असम पुलिस की सहायता से पकड़ा जा चुका है। इनमें वे भी शामिल हें जिन्होंने उसे मोबाइल व सिमकार्ड उपलब्ध कराए और वह भी जो उसके खाते में रकम डालता था। एक साथी ऐसा भी पकड़ा गया है जो कमरुज्जमा को कश्मीर से एके-47 दिलाने में लगा था। उससे अलग से पूछताछ हो रही है।