ठांय-ठांयः पिस्टल जाम होने पर भी पीछे न हटने वाले दारोगा को सम्मान की सिफारिश

ठांय-ठांयः पिस्टल जाम होने पर भी पीछे न हटने वाले दारोगा को सम्मान की सिफारिश
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संभल (जेएनएन)। मुठभेड़ के दौरान पिस्टल नहीं चलने पर मुंह से ही ठांय-ठांय कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास करने वाले दारोगा ने जहां संभल पुलिस की देशभर में किरकिरी कराई है, वहीं अधिकारी अपनी इस नाकामी को छुपाने में लगे हुए हैं। पहले तो पुलिस अधिकारी अपने मातहत के इस कृत्य को मान ही नहीं रही है, दूसरी ओर एसपी यमुना प्रसाद ने दारोगा को हीरो बना दिया है। उन्होंने दारोगा मनोज कुमार को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए डीजी के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की संस्तुति भेजी है।

नाकामी छुपाने की मजबूरी

माना जा रहा है कि पुलिस अधिकारी अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसा करने के लिए मजबूर है क्योंकि अधिकारी अपनी कमी मानने को तैयार नहीं है और यह मामला प्रदेश स्तर तक पहुंच गया है। उनका मानना है कि पिस्टल खराब होने के बाद भी दारोगा ने हिम्मत नहीं हारी और मुंह से ही ठांय ठांय कर बदमाशों का मुकाबला किया। असमोली क्षेत्र में पांच दिन पहले पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। बदमाश फायरिंग करते हुए एक गन्ने के खेत में घुस गए थे। पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए गन्ने के खेत को घेर लिया था और बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी। तभी असमोली में तैनात दारोगा मनोज कुमार भी पहुंचे और पिस्टल हवा में उठा कर फायरिंग करने लगे।

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