सुप्रीम कोर्ट को मायावती ने भेजा जवाब मूर्तियों की स्थापना को सही ठहराया
- In उत्तरप्रदेश 2 April 2019 11:17 AM IST
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने शासनकाल में मूर्तियों की स्थापना को सही कदम माना है। मायावती ने सुप्रीम कोर्ट को भेजे जवाब में साफ कहा है कि पैसा शिक्षा के साथ अस्पताल या फिर मूर्तियों पर खर्च हो, यह कोर्ट तय नहीं कर सकता है।बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के शहरों में मूर्तियों की स्थापना को सही ठहराया और कहा कि मूर्तियां लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने हाथी की प्रतिमाओं पर पैसा खर्च करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है।हलफनामे में मायावती ने कहा कि दलित नेताओं की मूर्तियों पर ही सवाल क्यों। भाजपा और कांग्रेस ने भी जनता के पैसे का इस्तेमाल किया है। उनके सरकारी धन के इस्तेमाल पर सवाल क्यों नहीं हो रहा है। मायावती ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार पटेल, शिवाजी, एनटी राम राव और जयललिता आदि की मूर्तियों का भी हवाला दिया।हलफनामा में उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ के साथ नोएडा में मूर्तियों की स्थापना को सही ठहराया और कहा कि मूर्तियां लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने कहा कि मेरा कार्य सिर्फ मेरी मर्जी से नहीं था। मायावती ने कहा कि राज्य की विधानसभा की इच्छा का उल्लंघन कैसे करूं। इन प्रतिमाओं के माध्यम से विधानमंडल ने दलित नेता के प्रति आदर व्यक्त किया है। मायावती ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उनकी तरफ से इन मूर्तियों के लिए बजट का उचित आवंटन किया था। बजट को पास भी कराया गया है।मायावती ने इसके साथ ही कहा कि सरकार का यह पैसा शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए या अस्पताल पर यह एक बहस का सवाल है। अब इस मामले को अदालत से तय नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोगों को प्रेरणा दिलाने के लिए महापुरुषों के स्मारक बनाए गए थे। इन स्मारकों में हाथियों की मूर्तियां केवल वास्तुशिल्प की बनावट मात्र हैं और यह सब बसपा के पार्टी प्रतीक का प्रतिनिधित्व नहीं करते।सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में सुनवाई कर सकता है। इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि पहली नजर में उसका विचार है कि बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रतिमाओं पर लगाया जनता का पैसा लौटाना चाहिए। एक वकील ने याचिका दायर की थी। जिसमें लखनऊ और नोएडा में मायावती और उनकी पार्टी के चिह्न हाथी की प्रतिमाओं पर सवाल उठाया गया था। याचिका में मांग की गई कि नेताओं को अपनी और पार्टी के चिह्न की प्रतिमाएं बनाने पर जनता का पैसा खर्च न करने के निर्देश दिया जाए। जिससे कि यह मामला नजीर बन सके और जनता के पैसे का सदुपयोग हो।