अखिलेश यादव की इच्छा नेताजी को भी मिले पीएम बनने का सम्मान
- In उत्तरप्रदेश 2 May 2019 3:01 PM IST
लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में भाजपा को तगड़ा सबक सिखाने की खातिर बसपा से गठबंधन करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संकेत दिया है कि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान को अखिलेश यादव ने सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने हर लोकसभा क्षेत्र में अपना सबसे मजबूत प्रत्याशी खड़ा किया है। इससे लगता है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में फिर से खड़ा होने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संकेत दिया है कि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा, अगर नेताजी को प्रधानमंत्री बनने का सम्मान मिले। वह देश के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और इस पद पर बैठने के योग्य भी हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन भारत को नया प्रधानमंत्री देना चाहता है। जब अंतिम नतीजे सामने आ जाएंगे, तब पार्टी प्रधानमंत्री पद के बारे में तय करेगी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने के सवाल पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाब में स्पष्ट तौर पर न तो ना कहा और ना ही हां। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा, यदि नेताजी को यह सम्मान मिलता है, लेकिन मुझे लगता है, वह संभवत: प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसदों की संख्या बढ़ाने के प्रयास में लगा हूं। मैं उन लोगों में शामिल हूं तो देश में नया प्रधानमंत्री चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि केंद्र की अगली सरकार के गठन में उत्तर प्रदेश का योगदान हो। पत्नी डिंपल यादव के गैर भाजपा सरकार में मंत्री बनने की बाबत अखिलेश यादव ने कहा कि मेरी इच्छा है कि पहले वह बड़े अंतराल से कन्नौज से जीत दर्ज करें। पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ व डीजीपी ओपी सिंह तो डिंपल यादव को हराने के लिए पूरा जोर लगा चुके हैं।
अखिलेश यादव बोले-प्रियंका का बयान गलत, यूपी में पूरा जोर लगा रही है कांग्रेस
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रियंका गांधी की कांग्रेस के कई जगह भाजपा का वोट काटने के लिए कमजोर प्रत्याशी खड़ा करने की बात को सिरे से खारिज किया है। अखिलेश यादव ने उनके दावे को नकारते हुए कहते हैं कि लोग उनके साथ नहीं हैं ऐसे में यह एक बहाना है। अखिलेश ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस ने कहीं भी कमजोर उम्मीदवार उतारे हैं। किसी भी पार्टी ने ऐसा नहीं किया। लोग उनके साथ नहीं हैं, इसलिए बहाने बना रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के प्रत्याशियों को कमजोर बताकर उनका मनोबल गिराने की बात कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सभी सीट से अपने सबसे मजबूत प्रत्याशी उतारा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो अमेठी से हैं जबकि उनकी मां सोनिया गांधी रायबरेली से मैदान में हैं। इनके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर से, जितिन प्रसाद धौरहरा से, आरपीएन सिंह कुशीनगर से, जफर अली नकवी लखीमपुर खीरी से तथा डॉ. संजय सिंह सुल्तानपुर से मैदान में हैं। यह सभी कद्दावर नेता हैं, अब अगर प्रियंका गांधी इनको कमजोर नेता कह रही हैं तो यह उनकी अनुभवहीनता ही है।
अखिलेश यादव से पूछा गया कि गठबंधन को कांग्रेस की 'बी' टीम बताया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस ही एक-दूसरे की ए व बी टीम हैं। दोनों ही सबसे पुराने दल हैं तो यह किसी नए को उभरते देखना ही नहीं चाहते हैं। इन दोनों दलों में कोई फर्क नहीं है। लगातार दस साल तक राज करने वाली कांग्रेस अब दस साल तक भाजपा को सत्ता में देखना चाहती है। कांग्रेस ने ही भाजपा को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार पर आय से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज करने वाला शख्स तो लखनऊ में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम् के नामांकन में मौजूद था।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद ऐसा गठबंधन है तो लोगों से जुड़ा है। जमीनी स्तर पर काम करने के बाद लोगों को अपने से मजबूती से जोडऩे में सफल रहे हैं। गठबंधन ने भाजपा की खराब नीतियों का सड़क पर उतरकर लगातार विरोध किया जबकि कांग्रेस तो कहीं दिखी ही नहीं।
कहा- पीएम मोदी हार से डरे
वाराणसी से प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि वह हार की आशंका से डर गए हैं क्या? नामांकन रद होने को लोकतंत्र की हत्या का षडय़ंत्र ठहराते हुए अखिलेश ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था भी बद से बदतर होती जा रही है। वाराणसी से मोदी के सामने सपा ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को मैदान में उतारा था। उसका नामांकन निरस्त होने को गलत करार देते हुए अखिलेश ने ट्वीट किया- 'प्रधान जी सच्चा राज धर्म निभाने वाले सच्चे चौकीदार से हार की आशंका से डर गए हैं क्या? कोई कानून अपदस्थ जवान को चुनाव लडऩे से नहीं रोकता है। पूरे देश में बुद्धिजीवी से लेकर श्रमजीवी तक लोकतंत्र की हत्या का यह षडय़ंत्र देख रहे हैं और इन ताकतों के पतन के लिए वोट कर रहे हैं। प्रदेश में अग्निकांड व हत्याओं का हवाला देते हुए अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में हालात खराब हैैं, जबकि मुख्यमंत्री दिल्ली की हुकूमत बचाने के लिए हवा में घूम रहे हैैं। प्रदेश में जंगलराज कायम करने का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा के संरक्षण से प्रदेश में माफिया और गुंडों का बोलबाला हो गया है।