आज भी है लोगों में मटके का क्रेज, गर्मी बढ़ते ही खरीददारी शुरू
शहर में गर्मी बढ़ने के साथ ही बाजार में मटकों की बिक्री भी शुरू हो गई है। मटकों पर इस बार महंगाई का असर दिख रहा है। पहले की अपेक्षा ये अब दोगुनी से तीन गुनी कीमत में बिक रहे हैं। गर्मी के सीजन में आज भी लोग ठंडे पानी के लिए मटकों का उपयोग करते हैं।
जिले भर में मौसम का मिजाज दिनोंदिन बदलने लगा है। लोगों को पीने के पानी की अधिक आवश्यकता रहती है, जिसके चलते लोगों ने मिट्टी के घड़े और मटके खरीदने शुरू कर दिए हैं। विक्रेता रामपाल और दिनेश कुमार ने बताया कि आज भी लोगों में पारंपरिक मटके का क्रेज बना है। हालांकि पहले के समय में मटकों की बिक्री हजारों में होती थी। अब इसकी बिक्री में जरूर अंतर आया है। जो मटके पहले 40 से 90 रुपये में तक आ जाते थे। उनकी कीमत अब दोगुनी यानी 80 से 200 रुपये तक पहुंच चुकी है।
कच्चा माल हुआ महंगा
कुम्हार दिनेश ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार मिट्टी की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है। मिट्टी की ट्रॉली का भाव 5 हजार से 6 हजार तक पहुंच गया है। वहीं मजदूरों की मजदूरी भी अधिक हो गई हैं। इसके चलते मटके की कीमत में वृद्धि हुई है।
कम होने लगा व्यापारियों का जुड़ाव
मटका व्यापारियों ने बताया कि मिट्टी से बने बर्तनों, मटका और दीपक बनाने वाले परिवारों का रुझान अब पैतृक व्यवसाय से हटता जा रहा है। इसका मुख्य कारण आधुनिक युग के साथ आधुनिक वस्तुओं की अधिक मांग और सरकार से किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नहीं मिलना है। इसके कारण जहां एक समय में करीब चालीस से पचास परिवार इस काम में लगे हुए थे। वहीं आज मात्र 10 परिवार ही इस उद्योग से जुड़े हुए हैं।
नए डिजाइन के मटकों का ट्रेंड
बाजार में 100 रुपये से लेकर चार सौ रुपये तक के मटके मौजूद हैं। इनमें टोंटी वाले मटकों की मांग ज्यादा है। वहीं गोल और सुराहीदार, डिजाइन, पेंटेंड वाले मटकों की भी बहुत वैरायटी मौजूद है।