नमक के अधिक सेवन से बच्चों में बढ़ रहा मोटापा, जंक फूड भी दे रहा बीमारियां
- In उत्तरप्रदेश 22 May 2019 3:45 PM IST
अगर आपका बच्चा नाश्ते में अक्सर समोसा, कचौड़ी और जलेबी लेता है। उसे मैगी, चिप्स और बर्गर भी पसंद है, तो यह समझ लीजिए उसके शरीर में अधिक मात्रा में नमक, वसा (फैट) व कोलेस्ट्राल जा रहा है। बच्चों में मोटापे की समस्या को लेकर माता-पिता डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। बच्चों की खानपान की आदतों में सुधार आए, इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग के विशेषज्ञ रिसर्च कर रहे हैं।
शहर से लेकर गांव तक बच्चों के खानपान में बदलाव आया है। ग्रामीण बच्चे समोसा, कचौड़ी, पकौड़ी एवं जलेबी पसंद कर रहे हैं, तो शहरी क्षेत्र के बच्चे बर्गर, पिज्जा, नूडल्स, चिप्स एवं पैक्ड जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं। इससे बच्चों में हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), हार्ट और ब्रेन से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव बायोकेमिस्ट्री विभाग के साथ रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। रिसर्च के आंकड़े भयावह स्थिति बता रहे हैं।
कम उम्र में अधिक कैलोरी
बच्चे की उम्र के हिसाब से 30 फीसद कैलोरी पर्याप्त है। जंक फूड एवं पैक्ड फूड में नमक, फैट एवं कोलेस्ट्राल अधिक होता है। उम्र के हिसाब से अधिक मात्रा में कैलोरी शरीर में पहुंचती है, जो धमनियों में जमने लगती है। इसकी वजह से हार्ट और ब्रेन का रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे हो रहा रिसर्च
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के 2500 घरों में जाकर भोजन के नमूने लिए गए हैं। उनकी जांच की जा रही है। उन परिवार के 761 सदस्यों के रक्त नमूने भी लिए हैं। जांच में फैट, कोलेस्ट्राल अधिक पाया गया। उन्हें डायबिटीज भी थी।
उम्र के हिसाब से कैलोरी की मात्रा
1000 कैलोरी एक वर्ष के बच्चे को चाहिए प्रतिदिन
100-150 कैलोरी प्रति वर्ष बढ़ती है
2000-2400 कैलोरी 12 वर्ष की उम्र के बाद चाहिए प्रतिदिन (शारीरिक श्रम के हिसाब से घटती-बढ़ती है)
संतुलित भोजन में यह जरूरी
प्रोटीन : 15-20 फीसद
फैट : 30 फीसद
कार्बोहाइड्रेट : 50-55 फीसद
इसके अलावा मिनरल, विटामिन एवं फाइबर के लिए चोकर युक्त आटा, हरी सब्जियां एवं मौसमी फल भी जरूरी।
05 ग्राम से कम नमक का सेवन करें प्रतिदिन
यह हो रही समस्या
हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, कब्ज
चिकित्सक का ये है कहना
अब तक हुए रिसर्च में भयावह संकेत मिले हैं। जो बीमारियां पहले 40 की उम्र के बाद होती थीं वह अब 20-30 साल की उम्र में हो रही हैं। इसलिए खानपान में व्यापक सुधार की जरूरत है।