भाजपा नेता के गोदाम में छापा, टैंक में 550 लीटर बदबूदार दूध, खाद्यान्न का अवैध भंडार देख उड़ गए होश
- In उत्तरप्रदेश 31 Aug 2018 12:53 PM IST
यूपी के उन्नाव जिले में औरास ब्लाक प्रमुख के पति व भाजपा नेता के गोदाम में सरकारी खाद्यान्न का अवैध भंडार और मिलावटी व नकली दूध बनाने का कारोबार होने की शिकायत पर एसडीएम और सीओ ने रात करीब नौ बजे छापा मारा। गोदाम में करीब तीन सौ बोरी गेहूं, 170 बोरी चावल और 12 ड्रम केरोसिन मिला है। अधिकांश बोरियों पर खाद्य एंव रसद विभाग की मोहर लगी है। परिसर में ही एक टैंक में करीब 550 लीटर दूध भी मिला है। जिसका सैंपल सील करने के बाद नष्ट करा दिया गया। जिला पूर्ति और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें जांच कर रही हैं।
भजपा से जुड़ी औरास ब्लाक प्रमुख पुष्पा रावत के पति कौशलेंद्र प्रताप का गांव इनायतपुर बर्रा में मकान के पास ही बड़ा गोदाम और अहता है। यहां पहले वह राइसमिल और गल्ले का व्यापार करते थे। हसनगंज एसडीएम सूरज कुमार यादव को शिकायत मिली कि ब्लाक प्रमुख पति मिलावटी व नकली दूध के साथ ही सरकारी खाद्यान की कालाबाजारी का करोबार करते हैं। रात करीब नौ बजे एसडीएम और सीओ डा. भीम कुमार गौतम ने गोदाम में छापा मारा। जांच के दौरान यहां एक प्लास्टिक की टंकी में 550 लीटर दूध मिला। दूध को बेहद लापरवाही से रखा गया था। इससे दुर्गंध भी आ रही थी।
तेल खरीदकर उसकी री पैकिंग कर बेचा जाता था
गोदम के भीतर पचास किलो की बोरियों में करीब 300 बोरी गेहूं और 170 बोरी चावल के अलावा 12 ड्रम मिट्टी का तेल मिला है। अधिकारियों को शक है कि कोटेदारों के माध्यम से चोरी छिपे खाद्यान्न और तेल खरीदकर उसकी री पैकिंग कर बेचा जाता था। एसडीएम सूरज कुमार यादव ने बताया कि डीएसओ पूर्ति विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों को बुलाया गया है। वह स्टाक और गेहूं की जांच करने के साथ बोरियों पर लिखे नंबर से यह पता लगा रही हैं कि यह किस ब्लाक से ब्लैक करके लाया गया है और यह बोरियां किस कोटेदार को आवंटित की गई थीं। उन्होंने बताया कि माह की अंतिम तारीख है अगर किसी कोटेदार ने यहां स्टाक करने की नीयत से भी रखा था तो अबतक आवंटन हो जाना चाहिए था। वैसे भी निर्धारित स्थान से अलग भंडारण करना भी गलत है। एसडीएम ने बताया कि जांच कराई जा रही है। दोनों टीमों की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
ब्लाक प्रमुख पति कौशलेंद्र प्रताप का कहना है कि उन्होंने पंद्रह दिन पहले ही गांव के आसपास के लोगों को छह हजार रूपये महीने पर दूध भंडार के लिए किराए पर दिया था। खाद्यान के बारे में बताया कि एक साल पहले तक उनके पास गल्ला बिक्री व भंडारण का लाइसेंस था लेकिन बाद मे उन्होंने काम बंद कर दिया था। अभी भी कुछ लोग गेहूं व अन्य राशन बेच जाते हैं वही रखा है।