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आनलाइन उपस्थिति के विरोध में चोलापुर BRC पर शिक्षकों का धरना

आनलाइन उपस्थिति के विरोध में चोलापुर BRC  पर शिक्षकों का धरना

वाराणसी. उत्तर प्रदेशीय जूनियर...Anurag Tiwari

वाराणसी. उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ, उ.प्र. के पदाधिकारियों ने आज चोलापुर बीआरसी पर विशाल धरना प्रदर्शन कर आनलाइन पोर्टल पर उपस्थिति का जबरदस्त विरोध किया। इस प्रदर्शन में संघ के दुर्गा सिंह,अरविंद पाण्डेय, जितेंद्र सिंह, रमेश यादव, राकेश पाठक महाकाल, चिराग अली, कमला यादव, संतोष राम सहित सैकड़ों अध्यापक मौजूद रहे।




शिक्षकों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के लाखों शिक्षकों को प्रताड़ित करने का कार्य कर रही है। जबरन प्रवेश के बेसिक शिक्षकों पर कर्मचारी आचरण एवं अनुशासन नियमावली, बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली, के विरुद्ध जाकर मनमाने आदेश भय दिखाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि प्रदेश का बेसिक शिक्षक प्रदेश की संवैधानिक संस्था बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की नियमावली के अंतर्गत कार्य कर रहा है।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि कोई भी नियम बनाने, परिवर्तन संशोधन करने, अथवा लागू करने हेतु प्रस्ताव परिषद में लाकर एवं बैठक कर पारित किया जाना चाहिए, परंतु पिछले 5 वर्षों से बेसिक शिक्षा परिषद को अस्तित्वहीन कर दिया गया है। परिषद के सदस्यों के अधिकारों को छीन लिया गया है या अतिक्रमण कर लिया गया है।

शिक्षक नेताओं ने यह कि विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में टेबलेट दिए गए, उनमें सिम और डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया, परंतु महानिदेशक जबरदस्ती प्रदेश के बेसिक शिक्षक से अपनी आईडी से निजी नाम से सिम और डेटा शिक्षक के पैसे से खरीदने का दबाव बना रहे हैं। प्रदेश का बेसिक शिक्षक सरकारी कार्य में अपना व्यक्तिगत विवरण देने हेतु बिल्कुल भी सहमत नहीं है।




बता दें कि 10 नवम्बर 2023 को पत्र जारी कर प्रदेश के सभी शिक्षकों को अपने निजी मोवाइल, निजी सिम, निजी नम्बर, निजी आईडी, निजी डेटा से 08:45 से 09 बजे प्रातः के मध्य आनलाइन उपस्थिति मय फेस के देने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों का आरोप है कि यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली के विपरीत है। यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद के लाखों शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे सरकार के इस मनमाने आदेश का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।

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