अनंत चतुर्दशी के बाद शुरू हुआ मृत्यु पंचक: अगले 5 दिनों तक इन कार्यों से करें परहेज, वरना हो सकती है बड़ी अनहोनी

अनंत चतुर्दशी के बाद शुरू हुआ पंचक काल
हिंदू पंचांग और ज्योतिष शास्त्र में पंचक का विशेष महत्व बताया गया है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में विचरण करता है, तो पंचक काल बनता है। इस दौरान पांच दिन तक कई प्रकार की पाबंदियां रहती हैं और शुभ कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। इस वर्ष 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के साथ ही पंचक काल की शुरुआत हो चुकी है।
शनिवार से शुरू होने के कारण बन रहा है मृत्यु पंचक
पंचक किस दिन से शुरू होता है, उसके अनुसार उसका प्रभाव अलग-अलग होता है। इस बार यह काल शनिवार से आरंभ हुआ है, इसलिए इसे मृत्यु पंचक कहा जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार, मृत्यु पंचक को सबसे कष्टकारी माना गया है। इस अवधि में व्यक्ति को दुर्घटनाओं, बीमारियों और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा धन हानि, पारिवारिक कलह और आर्थिक संकट जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
मृत्यु पंचक के दुष्प्रभाव
मृत्यु पंचक के समय व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक परिस्थितियां तेजी से बढ़ने लगती हैं। अनजाने में भी किए गए कार्य अशुभ परिणाम दे सकते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस पंचक में घर की छत बनवाना, लकड़ी से जुड़ा काम करना, यात्रा आरंभ करना या किसी भी तरह का जोखिम उठाना नुकसानदायक साबित हो सकता है। यही कारण है कि इस काल को अशुभ मानते हुए लोग नए कार्यों से परहेज करते हैं।
किन कार्यों से करना चाहिए परहेज?
1. पंचक काल में घर की छत या लकड़ी का काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
2. इस समय यात्रा की शुरुआत अशुभ मानी जाती है।
3. विवाह, गृह प्रवेश, भूमि पूजन जैसे शुभ कार्यों को टालना ही उचित है।
4. जोखिम भरे कार्य जैसे ऊंचाई पर काम करना या मशीनों का उपयोग करना भी खतरनाक हो सकता है।
उपाय और सावधानियां
हालांकि पंचक काल को पूरी तरह नकारात्मक नहीं माना जाता, लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दौरान भगवान शिव, हनुमान जी और मां दुर्गा की आराधना करने से कई प्रकार के संकट टल जाते हैं। साथ ही दान-पुण्य करने और जरूरतमंदों की मदद करने से भी अशुभ प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
👉 6 सितंबर 2025 से शुरू हुआ मृत्यु पंचक 5 दिनों तक चलेगा। इस दौरान सावधानी और संयम से कार्य करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि लापरवाही जीवन में बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।