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अपोलो रिकवर क्लीनिक की हुई शुरुआत, पोस्ट-कोविड सिम्पटम के मरीजों की होगी देखभाल

अपोलो रिकवर क्लीनिक की हुई शुरुआत, पोस्ट-कोविड सिम्पटम के मरीजों की होगी देखभाल

लखनऊ. देखने में आया है कि...Public Khabar

लखनऊ. देखने में आया है कि कोरोना वायरस की चपेट में आए कई मरीज, ठीक होने के बाद भी बीमार पड़ रहे हैं. उनमें साँस लेने में परेशानी, चक्कर आना, थकान, हल्का बुख़ार, ज्वाइंट पेन और डिप्रेशन जैसे सिम्पटम सामने आ रहे हैं. इसे पोस्ट कोविड सिम्पटम भी कहा जाता है. अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने इन्हीं मरीजों की देखभाल के लिए अपोलो रिकवर क्लिनिक की शुरुआत की है. अपोलो रिकवर क्लिनिक का उद्देश्य उन रोगियों की देखभाल और उपचार करना है जो कभी कोविड से पीड़ित थे परन्तु अब ठीक हो चुके हैं.



अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ मयंक सोमानी ने कहा, "अपोलो रिकवर क्लिनिक विशिष्ट रूप से उन रोगियों की देखभाल और उपचार के लिए प्रतिबद्ध है, जो कभी कोविड से पीड़ित थे और अब स्वस्थ हो चुके हैं. एक अध्ययन से यह पता चला है कि कोविड से ठीक होने के बाद भी रोगी पूरी तरह से फेफड़ों के संक्रमण से नहीं उबर पाते हैं और साथ ही यह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है. इस कारण व्यक्ति सांस की तकलीफ, अत्यधिक थकान तथा कमज़ोरी, भूख में कमी, अनिद्रा और कोविड के पश्चात् होने वाले अवसाद जैसी बीमारियों से प्रभावित हो सकते है. इसलिए लोगों को ऐसी स्थिति से अवगत कराना और साथ ही ऐसी स्थितियों पर काबू पाने के लिए मदद करना आवश्यक हो जाता है.



इसी दिशा में पहल करते हुए अपोलो रिकवर क्लिनिक की शुरुआत की गयी है, जिसके अंतर्गत कोविड से जंग जीत चुके मरीज़ों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य मूल्यांकन हेतु सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम साथ ही अत्याधुनिक तकनीक द्वारा जांचों की व्यवस्था की गयी है जिससे कि रोगी को भविष्य में हो सकने वाली किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का पता पहले ही लगाया जा सके. अपोलो रिकवर क्लिनिक कोविड यूनिट से डिस्चार्ज वाले होने रोगियों के लिए प्रभावी और कुशल चिकित्सा प्रबंधन के साथ साथ लोगों में जागरूकता पैदा करने में एक अग्रणी व महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा."

डॉ सोमानी ने सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि, "सबको कोविड-19 के सर्वाइवर्स को हवा के प्रदूषण से भी बचाना होगा. क्योंकि इस बीमारी से फेफड़ों पर काफी नकारात्मक असर होता है. इसलिए इस वर्ष दीपावली या क्रिसमस का त्यौहार हमें पटाखे के प्रयोग से बचना होगा. जिससे हवा का प्रदूषण और ना बढ़े."




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