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Budget 2024 पर कयासों के बीच वित्तीय लेनदेन में होंगे बड़े बदलाव

Budget 2024 पर कयासों के बीच वित्तीय लेनदेन में होंगे बड़े बदलाव

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला...Anurag Tiwari

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट पेश करेंगी। इस बीच, 1 फरवरी की सुबह कुछ ऐसे बदलाव होंगे जिनसे सीधा जुड़ाव आम आदमी का है। इनमें फास्टटैग, एलपीजी रेट्स में उतार-चढ़ाव और IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के नियम तक शामिल हैं। 1 फरवरी को बजट के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी होने जा रहे हैं। इन बदलावों से आम आदमी की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए, इन बदलावों के बारे में जानकारी रखना जरूरी है।


एलपीजी दामों में बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती हैं। ऐसा ही 1 फरवरी को भी होगा। बजट के दिन एलपीजी पर राहत मिलती है, या फिर बड़ा झटका लगता है इस पर से परदा उठ जाएगा।

बिना KYC वाले फास्टटैग होंगे रद्द
National Highway Authority of India (NHAI) ने कहा है कि बिना केवाईसी वाले सभी फास्टटैग को 31 जनवरी के बाद निष्क्रिय कर दिया जाएगा। 1 फरवरी को यूजर्स को जान जाएंगे की उनकी ईकेवाईसी पूरी है या नहीं। प्राधिकरण के मुताबिक करीब 7 करोड़ फास्टटैग जारी किए गए हैं, जिनमें से 4 करोड़ ही सक्रिय हैं। इनके अलावा डुप्लीकेट फास्टटैग की संख्या 1.2 करोड़ है।

धन लक्ष्मी 444 दिन, होम लोन पर रियायत
पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sindh Bank) की स्‍पेशल एफडी- 'धन लक्ष्मी 444 दिन' को लेकर ये अपडेट है। निवेश की अंतिम तारीख 31 जनवरी है और 1 फरवरी से इस पर रोक लग जाएगी। इससे पहले बैंक ने अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2023 से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2024 कर दी थी। इस एफडी की अवधि 444 दिन है और ब्‍याज दर 7.4% है और सुपर सीनियर के लिए 8.05 फीसदी है। इसके अलावा भारतीय स्‍टेट बैंक (SBI) वर्तमान में अपने कस्‍टमर के लिए होम लोन पर रियायतें दे रहा है. यह 65 बीपीएस तक कम की ब्‍याज पर होम लोन ऑफर कर रहा है। होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस और रियायतों की अंतिम तिथि 31 जनवरी, 2024 है।

IMPS मनी ट्रांसफर होगा आसान
घर बैठे एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेजने के लिए कस्टमर्स मोबाइल पर एक क्लिक से ही ये काम झट से हो जाता है। IMPS मनी ट्रांसफर का बेहतर विकल्प होता है। 1 फरवरी से इसमें बड़ा बदलाव होगा। इसके तहत यूजर्स केवल रिसीवर के मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट का नाम जोड़कर IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, अब इसमें लाभार्थी (Beneficiaries) और IFSC कोड की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

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