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काशी मथुरा में अच्छा करना है तो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर उद्घाटन समारोह में शंकराचार्यों की उपस्थिति आवश्यक

काशी मथुरा में अच्छा करना है तो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर उद्घाटन समारोह में शंकराचार्यों की उपस्थिति आवश्यक

अयोध्या. वर्षों की प्रतीक्षा...Anurag Tiwari

अयोध्या. वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन समारोह इस सदी का सबसे बड़ा ऐतिहासिक शुभ अवसर है। इस पावन समारोह के अवसर पर रामानंद संप्रदाय के मूल पीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट काशी एवं चारों जगद्गुरु शंकराचार्यों की अनुपस्थिति शास्त्रोक्त व लौकिक दृष्टि से उचित नहीं है। यह कहना है अयोध्या स्थित श्रीराम आश्रम के महंत जयराम दास का।

इस संबंध में महंत जयराम दास ने एक विशिष्ट आग्रह पत्र जारी किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब कोई आचार्य पीठ पूज्य-जन किसी वेदोक्त शास्त्रोक्त नियमानुकूल अप्रसन्न होकर आपके अनुष्ठान का निषेध करें तब यजमान का कर्तव्य है कि वह कैसे भी अनुनय सविनय कर अपने पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य जनों को संतुष्ट करे, तभी राम मंदिर राष्ट्रीय मंदिर होकर देश और विश्व में अलख जगाएगा शुभ फल प्राप्त होगा।

महंत जयराम दास ने कहा है कि श्रीराम मंदिर उद्घाटन के प्रधान-यजमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं चारों पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्यों से प्रार्थना-पूर्वक संवाद करके आमंत्रित करें और समारोह स्थल पर उनके लिए विशेष प्रोटोकॉल का प्रबंध करें। इससे देश में बहुत अच्छा संदेश जायेगा। यह धार्मिक रूप से भी उचित होगा ओर राजनीतिक रूप से भी। सनातन के सर्वोच्च धर्माचार्यों का सम्मान हम सबका कर्तव्य है।

महंत जयराम दास ने कहा है कि वैसे भी केवल श्रीराम मंदिर ही नहीं काशी-मथुरा में भी कुछ अच्छा करना है तो सबको अपना व्यवहार विचार संतुलित रखना होगा। शंकराचार्यों का सम्मान कर मोदी जी छोटे नहीं हो जायेंगे बल्कि उनके यश और कीर्ति में वृद्धि होगी, यही धर्मानुशासन है, लौकिक सामाजिक व्यवहार भी।

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