Home > मुख्य समाचार > उत्तर प्रदेश के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था सपने को सच करने का माध्यम हैं एमएसएमई

उत्तर प्रदेश के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था सपने को सच करने का माध्यम हैं एमएसएमई

उत्तर प्रदेश के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था सपने को सच करने का माध्यम हैं एमएसएमई

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)...Anurag Tiwari

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तर प्रदेश ने आज लखनऊ में "सीआईआई यूपी एमएसएमई सम्मेलन" का आयोजन किया। इस सम्मेलन का मुख्य विषय "उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में एमएसएमई की भूमिका" था।

इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। जिनमें प्रमुख सरकारी अधिकारी, अर्थशास्त्री और विचारक शामिल थे। उन्होंने राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले कारकों पर चर्चा, विचार-विमर्श और बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रांजल यादव, आईएएस, सचिव, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने और एमएसएमई तथा एसएमई इकाइयों को विभिन्न व्यापारिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा कि एमएसएमई किसी भी राज्य के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे रोजगार सृजन और निर्यात वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सीआईआई एमएसएमई पैनल के संयोजक और सह-संस्थापक और सीईओ, एएमए हर्बल लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड यावर अली शाह ने कहा कि "ओडीओपी योजना ने राज्य के एमएसएमई क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इससे न केवल राज्य का निर्यात कई गुना बढ़ा है, बल्कि यूपी की कला और शिल्पकारी को वैश्विक पहचान भी मिली है।"
सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल की अध्यक्ष और निदेशक एवं सीएफओ, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड स्मिता अग्रवाल ने कहा कि "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। एमएसएमई नवाचार, रोजगार और आर्थिक विकास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।"
सीआईआई पॉलिसी एडवोकेसी पैनल के संयोजक और निदेशक रजत केमिकल्स इंडस्ट्री रजत मेहरा ने कहा कि "कोविड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारे एमएसएमई ने लगातार अनुकूलनशीलता और अदम्य साहस का प्रदर्शन किया है। भविष्य में ऐसे माहौल को देखते हुए हमें सीआईआई के सहयोग से एमएसएमई इकाइयों को और प्रगतिशील, गतिशील बनाने की आवश्यकता है।"

Share it
Top