गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का निधन
- In मुख्य समाचार 2 Jan 2018 7:18 AM GMT
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मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का मंगलवार को लखनऊ में निधन हो गया। ब्रेन हैमरेज होने के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। आज सुबह 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। श्रीमदभागवत गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले नामचीन उर्दू शायर को प्रदेश सरकार ने यश भारती सम्मान से नवाजा था।
मालूम हो कि 71 वर्षीय जलालपुरी को ब्रेन स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में बृहस्पतिवार देर रात केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। वे शाम को अपने बाथरूम में गिरने के बाद से गंभीर रूप से घायल हो गये थे। बाथरुम का दरवाजा तोड़ कर उन्हें बाहर निकालने के बाद परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने उनके दिमाग में खून के थक्के, रक्तस्त्राव पाए जाने के बाद उन्हें केजीएमयू रेफर कर दिया था।
लखनऊ के हुसैनगंज निवासी उर्दू शायर अनवर जलालपुरी के निधन से साहित्य जगत में शोक है। जलालपुर में कल बुधवार को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
जहां से पढ़े, वहीं इंग्लिश के लेक्चरर अप्वाइंट हुए
अवनर जलालपुरी मूलतः अंबेडकरनगर के जलालपुर कस्बे के दलाल टोला मोहल्ले के रहने वाले थे। उनका जन्म 6 जुलाई 1947 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने मकतब करामतिया दारुल फैज से प्राप्त की। इसके बाद इंटर तक की शिक्षा नरेंद्र देव इंटर कॉलेज जलालपुर से लेने के बाद शिबली डिग्री कॉलेज आजमगढ़ से स्नातक किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली। पीएचडी की डिग्री भी लेने वाले अनवर 19 जुलाई 1973 को नरेंद्र देव इंटर कॉलेज में ही अंग्रेजी प्रवक्ता के रूप नियुक्त हुए थे। अध्यापन के साथ-साथ लेखन, शेरो-शायरी और मंच संचालन में अधिक रुचि होने के कारण देश ही नहीं विदेशों में भी उन्होंने खूब नाम कमाया।
लखनऊ और जलालपुर में लगी चाहने वालों की भीड़
अनवर जलालपुरी के निधन की खबर मिलते ही लखनऊ के हुसैनगंज स्थित उनके आवास पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। उधर, जलालपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर भी लोग शोक जताने पहुंचे। पैतृक आवास पर जलालपुरी के परिवार की महिला सदस्य ही रहती हैं।