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खशोगी के आखिरी शब्द थे, 'मैं सांस नहीं ले पा रहा': रिपोर्ट

खशोगी के आखिरी शब्द थे, मैं सांस नहीं ले पा रहा: रिपोर्ट

इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य...Editor

इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी के आखिरी शब्द थे 'मैं सांस नहीं ले पा रहा'. 'सीएनएन' ने पत्रकार के जीवन के अंतिम क्षणों के ऑडियो टेप की प्रतिलिपी पढ़ चुके एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी. सूत्र ने 'सीएनएन' को बताया कि प्रतिलिपी से स्पष्ट है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इस संबंध में पल-पल की जानकारी देने के लिए कई फोन भी किए गए थे.

'सीएनएन' ने कहा कि तुर्की अधिकारियों का मानना है कि ये फोन रियाद में शीर्ष अधिकारियों को किए गए थे और प्रतिलिपी के अनुसार खशोगी ने अपने आखिरी क्षणों में काफी जिद्दोजहद की थी. मूल प्रतिलिपी तुर्की की खुफिया सेवा ने तैयार की थी.

इस बीच, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने खशोगी की हत्या के संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की मांग को रविवार को खारिज कर दिया. तुर्की के अनुसार सऊदी के 15 सदस्यीय दल को खशोगी की हत्या के लिए इस्तांबुल भेजा गया था.

आपको बता दें कि तुर्की के एक शीर्ष अभियोजक ने बुधवार को कहा था कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी के प्रवेश करने के साथ ही गला घोंट कर उनकी हत्या कर दी गई और उनके शव को ठिकाने लगाने से पहले शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे. उन्होंने कहा कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया. इस्तांबुल के प्रमुख अभियोजक इरफान फिदान के कार्यालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि सच का खुलासा करने के तुर्की के 'भरसक प्रयासों' के बावजूद सऊदी अरब के प्रमुख अभियोजक अल-मोजेब के साथ चर्चा में कोई 'ठोस परिणाम' नहीं निकले.

ये बयान किसी तुर्की अधिकारी द्वारा की गई पहली सार्वजनिक पुष्टि है कि खशोगी को गला घोंट कर मारा गया था और उनके शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे. यह घोषणा सऊदी अरब के मुख्य अभियोजक सऊद अल-मोजेब का इस्तांबुल का तीन दिवसीय दौरा खत्म होने के बाद की गई. अपने इस दौरे के दौरान मोजेब ने फिदान और अन्य तुर्की अधिकारियों के साथ बातचीत की.

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