भारत के इस कदम से मोदी -ट्रंप की दोस्ती में पड़ सकती है दरार
- In विदेश 27 Feb 2017 4:14 AM GMT
नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप के...Public Khabar
नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ओईएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप की दोस्ती को लेकर बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही थीं। लेकिन ट्रंप ने ऊनी नीतियों को लागू कराने की कोषसिह में भारत के हितों को दरकिनार कर दिया है। इसके चलते अब भारत ने भी कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। भारत के इस फैसले से संभव है कि माफी और ट्रंप के रिश्ते कुछ असहज हो सकते हैं।
दुनिया भर में आईटी प्रफेशनल्स और सर्विसेज के मुक्त प्रवाह की मांग करते हुए भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में लॉबिंग शुरू कर दी है। बढ़ते संरक्षणवाद के बीच भारत ने अपने आईटी प्रफेशनल्स को दूसरे देशों में भी काम करने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। पूरे मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि सरकार ने सुझाव दिया है कि रोजगार देने वाले देश के नियमों के तहत मल्टिपल वीजा जारी किए जाने चाहिए। इसके अलावा सर्विसेज को दूसरे देशों में पहुंचाने को लेकर विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए।
भारत ने ऐसे देशों को कंपनियों पर निर्भर रहने की सलाह दी है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा के मानकों के तहत एंप्लॉयीज की भर्ती कर रही हैं। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन को 23 फरवरी को सौंपे अपने ड्राफ्ट में भारत ने ये बातें कही हैं। इस बारे में पिछले साल अक्टूबर में कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया गया था, इसके नवंबर में इस बारे में विस्तृत पेपर तैयार किया गया।
इसके बाद इस पेपर को विश्व व्यापार संगठन के सभी सदस्य देशों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। भारत का यह प्रस्ताव ऐसे वक्त में आया है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में संरक्षणवादी कदम उठाए जा रहे हैं। इससे भारत के अरबों डॉलर के आईटी सेक्टर को बड़े नुकसान का खतरा जताया जा रहा है।
भारत की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव में विदेशों में काम के लिए जाने वाले प्रफेशनल्स से सोशल सिक्यॉरिटी के लिए योगदान लिए जाने की बात कही गई है। इसके अलाव भारत की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव में इंश्योरेंस प्रॉफिटैबिलिटी और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए वीजा की तेज प्रक्रिया की सिफारिश की गई है।