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ऐसे विवादित मुद्दे जिन पर रहेगी 2018 में देशभर की नजर

ऐसे विवादित मुद्दे जिन पर रहेगी 2018 में देशभर की नजर

साल 2017 अलविदा कहने वाला है...Editor

साल 2017 अलविदा कहने वाला है और इस साल भी लंबे समय से चले आ रहे कई बड़े मुद्दों पर फैसला आना बाकी है। हालांकि, 2018 वो साल माना जा रहा है जिसमें इन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है। आइए आपको बताते हैं वो मुद्दे जो देश की राष्ट्रीय राजनीति और सामाजिक माहौल को हर रूप में प्रभावित कर सकते हैं।

देश को सालों से हिला कर रख देने वाले राम मंदिर मुद्दे पर 2018 में फैसला आना तय माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के चलते राम मंदिर का विवाद 2017 की सुर्खियों में सबसे ऊपर रहा और इतना ही नहीं संसद में भी इसकी गूंज लगातार सुनाई देती रही। इस साल ही सुप्रीम कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हुई तो शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों को बैठकर हल निकालने की सलाह दी, पर ऐसा हो नहीं पाया।

इसके बाद जब कोर्ट ने सुनवाई की तो दस्तावेजों में कमी के चलते मामला फिर लटक गया। वहीं वकील कपिल सिब्बल की ओर से कोर्ट में अपील की गई कि इस पर फैसला लोकसभा चुनाव 2019 के बाद सुनाया जाए। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील का स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अब इस मुद्दे पर फरवरी 2018 से डेट टू डेट सुनवाई होनी है।

घोटालों में घिरे राष्ट्रीय जनता दल के चीफ और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की सजा पर भी 3 जनवरी 2018 को फैसला आना है। इस साल रेलवे टेंडर के चलते लालू और उनके परिवार को कई बार सीबीआई के सामने पेश होना पड़ा है। फिलहाल लालू जेल में हैं और उनपर फैसला आना तय है। दरअसल, बिहार से लेकर राष्ट्रीय राजनीति का माहौल लालू के खिलाफ है और ऐसे में उनकी मुश्किलें थमने के बजाय और बढ़ने के आसार बने हुए हैं। लालू के जेल जाने के बाद आरजेडी के साथ-साथ गैर बीजेपी पार्टियों की एकजुटता पर भी असर पड़ सकता है।

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट की ओर से अप्रैल में फांसी का आदेश दिया गया। इस फैसले पर भारत ने नाराजगी जताई और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दखल करवा कर जाधव की फांसी पर रोक लगवाई गई। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास की कई वजह रही है, लेकिन इस ताजे मामले ने पाकिस्तान की दुनियाभर में किरकिरी की हुई है। हाल ही में जाधव की उनकी मां और पत्नी के मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की ओर से शर्मनाक रवैया अपनाया गया और पाकिस्तान फिर सवालों के घेरे में आ गया है। भले ही 2017 में कुलभूषण जाधव मामला गरमाया रहा हो, लेकिन अपेक्षित है कि इस मुद्दे पर भी 2018 में कोई फैसला आ सकता है।

आधार की अनिवार्यता की अनिवार्यता उन मुद्दों में से एक रहा जब केंद्र सरकार को विरोधियों ने लगातार घेरने की कोशिश की। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है और ये भी तय है कि इस पर 2018 में फैसला हो जाएगा।

केरल लव जिहाद मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है। पीड़िता हादिया ने शफीन जहां नाम के शख्स से शादी की है, लेकिन हादिया के माता-पिता इस शादी को गैर-कानूनी मानते हैं। उनका मानना है कि हादिया, शफीन के चंगुल में फंसी हुई है, जिसे बाहर निकालने के लिए कोर्ट और सरकार की मदद ली जा रही है। दरअसल, केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका पर शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी। केरल हाईकोर्ट ने हादिया की शादी को लव जिहाद करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया था जिसे उसने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

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