Home > बिजनेस > रुपये में आई रिकॉर्ड गिरावट से 175 अंक टूटा बाजार - निफ्टी 10,300 के पार हुआ बंद

रुपये में आई रिकॉर्ड गिरावट से 175 अंक टूटा बाजार - निफ्टी 10,300 के पार हुआ बंद

रुपये में आई रिकॉर्ड गिरावट से 175 अंक टूटा बाजार - निफ्टी 10,300 के पार हुआ बंद

कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये...Editor

कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये में आई गिरावट की वजह से बाजार में गिरावट लौट आई। हालांकि मंगलवार को बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई थी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स सुबह 177.44 अंकों की मजबूती के साथ 34,651.82 पर खुला वहीं और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स 42.25 अंकों की बढ़त के साथ 10,390.30 पर खुला।

कच्चे तेल की कीमतों के एक बार फिर से 84 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा पार करने के बाद रुपये पर दबाव पड़ा, जिसकी वजह से बाजार ने अपनी बढ़त गंवा दी और सेंसेक्स 174.91 अंक टूटकर 34,299.47 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 47 अंक फिसलकर 10,301.05 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा तेजी अडानी पोर्ट्स, वेदांत, एचडीएफसी, टाटा स्टील, यस बैंक और कोल इंडिया के शेयरों में रही जबकि टाटा मोटर्स, मारुति और रिलायंस के शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी में 25 शेयर लाल निशान में जबकि 25 शेयर हरे निशान में बंद हुए।

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में एक बार फिर से रिकॉर्ड गिरावट आई। मंगलवार दोपहर बाद को डॉलर के मुकाबले रुपया 74.27 के स्तर तक लुढ़क गया।

विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.85 के स्तर पर खुला था जबकि बीते कारोबार में रुपया 74.07 के स्तर पर बंद हुआ था। कच्चे तेल की कीमतों के प्रति बैरल 84 डॉलर का स्तर छूने के बाद रुपये पर दबाव बढ़ा और लुढ़क गया।

IMF ने घटाया अनुमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किए गए आर्थिक सुधारों की तारीफ करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत अगले दो सालों तक सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

हालांकि एजेंसी ने 2018 और 2019 के लिए भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान में कमी की है। बाली में आईएमएफ की सालाना बैठक से पहले जारी ''द वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक'' में कहा गया है, 'जीएसटी, महंगाई को कम करने और इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) जैसे हाल के वर्षों में किए गए सुधारों और विदेशी निवेश की प्रक्रिया को आसान किए जाने की वजह से कारोबार माहौल में सहूलियत मिली है।'

कच्चे तेल की कीमतों के एक बार फिर से 84 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा पार करने के बाद रुपये पर दबाव पड़ा, जिसकी वजह से बाजार ने अपनी बढ़त गंवा दी।

Tags:    
Share it
Top