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कल 15 दिसंबर से शुरू होगा खरमास, जानें इस माह में क्या करें और क्या न करें

कल 15 दिसंबर से शुरू होगा खरमास, जानें इस माह में क्या करें और क्या न करें

15 दिसंबर 2024 से खरमास का...PS

15 दिसंबर 2024 से खरमास का महीना शुरू हो रहा है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार एक विशेष समय होता है। खरमास को "महापाप" या "मलमास" भी कहा जाता है, और इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। यह अवधि लगभग 30 दिनों की होती है, जिसमें विशेष ध्यान रखा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य न किया जाए। यह महीना विशेष रूप से पूजा, व्रत, यज्ञ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।


खरमास का महत्व:


खरमास का समय ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। इसे "मलमास" भी कहा जाता है, क्योंकि यह माह सूर्य और चंद्रमा के मार्ग में एक असामान्य स्थिति में होता है। इस अवधि के दौरान ग्रहों का प्रभाव कुछ इस तरह होता है कि किसी भी प्रकार के शुभ कार्य में रुकावट आ सकती है। धार्मिक शास्त्रों में इसे पापकाल माना गया है, जहां सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत को स्थगित करने की सलाह दी जाती है।


खरमास के दौरान क्या करें और क्या न करें:


1. क्या न करें:

●विवाह और अन्य मांगलिक कार्य: खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि जैसे मांगलिक कार्यों को नहीं करना चाहिए। ये कार्य इस अवधि में शुभ नहीं माने जाते।


●नए व्यापार की शुरुआत: इस समय नए व्यापार की शुरुआत या किसी नई योजना को लागू करने से बचना चाहिए। इस अवधि में शुरू किए गए कार्यों में उतनी सफलता नहीं मिलती।


●नई संपत्ति की खरीद: खरमास में घर या अन्य संपत्तियां खरीदने से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि इस समय संपत्ति का निवेश शुभ नहीं माना जाता।


2. क्या करें:

●पूजा और ध्यान: खरमास के दौरान पूजा, ध्यान और साधना में समय व्यतीत किया जा सकता है। यह समय अपने आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम होता है।


●दान और पुण्य कार्य: इस समय में दान-पुण्य और गरीबों की मदद करना अत्यधिक शुभ होता है। विशेष रूप से इस माह में जरूरतमंदों को तिल, शक्कर, कपड़े आदि दान करना लाभकारी होता है।


●धार्मिक पाठ और जाप: इस समय धार्मिक ग्रंथों का पाठ, मंत्रों का जाप और विशेष रूप से महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप किया जा सकता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


खरमास का समय आध्यात्मिक उन्नति और आत्मविकास के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन इस दौरान शुभ कार्यों को स्थगित करना जरूरी है। इस महीने का उपयोग पूजा, व्रत और धार्मिक कार्यों के लिए किया जा सकता है, जबकि व्यक्तिगत और पारिवारिक आयोजनों को बाद के समय में करना बेहतर रहेगा।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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