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अन्नपूर्णा जयंती 2024: जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि

अन्नपूर्णा जयंती 2024: जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि

हर साल मार्गशीर्ष मास की...PS

हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। यह पर्व देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिन्हें भोजन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना कर भक्त न केवल भौतिक समृद्धि की कामना करते हैं बल्कि आध्यात्मिक शांति और संतोष का वरदान भी प्राप्त करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि 2024 में अन्नपूर्णा जयंती कब है, इसका महत्व क्या है, और इस दिन कौन-कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं।


अन्नपूर्णा जयंती 2024 की तिथि और समय


अन्नपूर्णा जयंती इस वर्ष 15 दिसंबर 2024, रविवार को मनाई जाएगी।


पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 14 दिसंबर 2024, रात 9:37 बजे


पूर्णिमा तिथि का समापन: 15 दिसंबर 2024, रात 8:55 बजे


अन्नपूर्णा जयंती का महत्व


देवी अन्नपूर्णा को अन्न और धन की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। उनका नाम "अन्नपूर्णा" इस बात का प्रतीक है कि वह अपने भक्तों को भोजन और पोषण प्रदान करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी अन्नपूर्णा ने भगवान शिव को यह सिखाया था कि जीवन में भोजन का महत्व कितना बड़ा है। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष होता है जो समाज में भुखमरी और गरीबी को मिटाने का प्रयास करते हैं।


अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान और सेवा का विशेष महत्व है। इस दिन भोजन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में कभी अन्न का अभाव नहीं होता।


अन्नपूर्णा जयंती की पूजा विधि


1. स्नान और संकल्प:

सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा के लिए एक पवित्र स्थान पर देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।


2. पूजा सामग्री:

फूल, चावल, गेहूं, दीपक, घी, कुमकुम, और मिष्ठान्न तैयार रखें।


3. मंत्र जाप और स्तुति:

देवी अन्नपूर्णा की पूजा में उनके विशेष मंत्र "ॐ अन्नपूर्णायै नमः" का जाप करें। अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है।


4. भोग अर्पित करें:

पूजा के बाद देवी को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद यह प्रसाद गरीबों और जरूरतमंदों में वितरित करें।


5. दान का महत्व:

इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।


अन्नपूर्णा जयंती के दिन करने वाले शुभ कार्य


1. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और अन्न का दान करें।


2. गौमाता को चारा खिलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।


3. अपने घर में भोजन के अपव्यय से बचें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।


4. ध्यान और प्रार्थना में समय बिताएं और ईश्वर का आभार व्यक्त करें।


आध्यात्मिक संदेश


अन्नपूर्णा जयंती न केवल देवी की आराधना का दिन है, बल्कि यह हमें जीवन में अन्न और पोषण के महत्व को समझाने का अवसर भी प्रदान करता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें अपने संसाधनों का आदर करना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।


अन्नपूर्णा जयंती 2024 में 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन श्रद्धा और सेवा का प्रतीक है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा और अन्न दान से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है। इस अवसर पर पूजा-अर्चना के साथ दूसरों की मदद करके हम इस पर्व के वास्तविक महत्व को समझ सकते हैं।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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