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दिसंबर 2024 में कब है सोमवती अमावस्या? जानें पूजा विधि और महत्त्वपूर्ण जानकारी

दिसंबर 2024 में कब है सोमवती अमावस्या? जानें पूजा विधि और महत्त्वपूर्ण जानकारी

सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में...PS

सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और खास दिन मानी जाती है, जो विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और पितृ तर्पण के लिए समर्पित होता है। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह पितृदोष से मुक्ति का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।


सोमवती अमावस्या का महत्व


सोमवती अमावस्या, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह विशेष दिन हर साल केवल उस अमावस्या को आता है, जो सोमवार को पड़ती है। इस दिन विशेष रूप से शिव भक्तों और पितृों के तर्पण के लिए पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पितृों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।


दिसंबर 2024 में सोमवती अमावस्या की तिथि


इस साल, 2024 में सोमवती अमावस्या 9 दिसंबर को पड़ी है। यह दिन सोमवार है, जो इस दिन की विशेषता को और भी प्रबल बनाता है।


पूजा विधि


सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा का एक विशेष तरीका है। यह पूजा आमतौर पर सूर्योदय से पहले की जाती है, ताकि दिन की शुरुआत शुभ हो। पूजा की विधि में निम्नलिखित बातें शामिल होती हैं:


1. स्नान और व्रत का पालन: इस दिन का व्रत करने से पहले, स्नान कर शुद्ध हो जाएं। स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।


2. शिवलिंग पूजन: शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, गंगाजल और फूल चढ़ाए जाते हैं। साथ ही बेल पत्र और बेर भी चढ़ाना शुभ माना जाता है।


3. मंत्रोच्चारण: "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना बहुत लाभकारी होता है। इस मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है।


4. पितृ तर्पण: इस दिन पितृों का तर्पण करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। तर्पण करते समय खास तौर पर तिल और जल का प्रयोग किया जाता है।


5. दान और पुण्य कार्य: इस दिन दान का विशेष महत्व है। गरीबों को अनाज, वस्त्र या अन्य मदद करना पुण्य का काम माना जाता है।


सोमवती अमावस्या का आध्यात्मिक लाभ


इस दिन भगवान शिव की पूजा और पितृ तर्पण से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। यह दिन पितृ दोष के निवारण और पुण्य प्राप्ति के लिए उपयुक्त होता है। साथ ही, यह दिन मानसिक शांति और समृद्धि पाने के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।


सोमवती अमावस्या का दिन हर हिंदू के जीवन में एक विशेष स्थान रखता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और पितृों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे पितृदोष का निवारण होता है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। इस दिन की पूजा विधि का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकता है।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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