साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या का महत्व, जानें शुभ मुहूर्त और स्नान-दान की तिथि
- In मुख्य समाचार 18 Dec 2024 4:16 PM IST
हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथियां विशेष महत्व रखती हैं, खासकर अमावस्या का दिन धार्मिक क्रियाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन खासतौर से पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, अमावस्या तिथि को ancestors (पितरों) की तृप्ति के लिए भी कार्य किए जाते हैं। इस दिन का महत्व विशेष रूप से तब बढ़ जाता है, जब अमावस्या सोमवती होती है, जो सोमवार के दिन पड़ती है। तो आइए, जानते हैं कि साल 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या कब है, और इस दिन क्या विशेष धार्मिक क्रियाएं की जा सकती हैं।
2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या तिथि
साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या तिथि 30 दिसंबर, सोमवार को पड़ी है। इस दिन पौष मास की अमावस्या होगी, और यह दिन खासतौर पर पुण्यप्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है, और श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हुए पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, जिससे उन्हें अपने पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
स्नान और दान का महत्व
अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का बहुत महत्व है। इस दिन विशेष रूप से तर्पण और पिंडदान विधि से पितरों को तृप्ति दी जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख-संपत्ति का वास होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, और पुण्य की प्राप्ति होती है।
2024 की सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
साल 2024 की सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर, सोमवार को सुबह 04:01 बजे से शुरू होकर 31 दिसंबर, मंगलवार को सुबह 03:56 बजे तक रहेगी। यह समय पूरे 24 घंटे का रहेगा, इस दौरान श्रद्धालु विशेष धार्मिक कार्यों और पूजा-अर्चना को कर सकते हैं। इस समय में विशेष रूप से शिव पूजा, तर्पण और पितृ श्राद्ध की क्रियाएं की जाती हैं।
2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या का दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है, और यह पुण्य के कार्यों के लिए बहुत उपयुक्त होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को शांति, समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अमावस्या को अपने जीवन को सुधारने और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर माना जाता है।
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