12 दिसंबर 2024, गुरुवार के दिन अखंड द्वादशी और एकादशी व्रत का पारण, जानें शुभ मुहूर्त और अन्य जरूरी जानकारी
- In मुख्य समाचार 12 Dec 2024 12:45 PM IST
12 दिसंबर 2024, गुरुवार को विशेष धार्मिक अवसर होगा, जब अखंड द्वादशी के व्रत के साथ-साथ एकादशी व्रत का पारण भी किया जाएगा। इस दिन का धार्मिक महत्व विशेष रूप से इस बात से जुड़ा है कि व्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ इन व्रतों को पूरी निष्ठा से पूरा करेंगे। इसके साथ ही, इस दिन का सही समय और राहुकाल का पालन करना भी जरूरी होता है ताकि कोई भी शुभ कार्य बिना किसी विघ्न के संपन्न हो सके।
आइए जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय और राहुकाल, ताकि आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर और सही दिशा में कर सकें।
शुभ मुहूर्त:
अखंड द्वादशी और एकादशी व्रत का पारण इस दिन निश्चित रूप से खास महत्व रखता है। 12 दिसंबर 2024 को व्रत का पारण विशेष रूप से सुबह 6:18 बजे से लेकर 8:12 बजे तक किया जा सकता है। यह समय पारण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, जब भक्तों की पूजा और व्रत विधिपूर्वक पूरी होती है।
राहुकाल:
राहुकाल उस समय को कहा जाता है, जब कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इस दिन राहुकाल का समय 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे पूजा, व्रत, शादी, या यात्रा करने से बचना चाहिए। यह समय सामान्यत: अशुभ माना जाता है और इसे पूजा में विघ्न डालने वाला माना जाता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय:
12 दिसंबर 2024 को सूर्योदय सुबह 6:34 बजे और सूर्यास्त शाम 5:43 बजे होगा। सूर्योदय से पहले का समय विशेष रूप से धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
धार्मिक महत्व:
अखंड द्वादशी और एकादशी व्रत का पालन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए किया जाता है। इन व्रतों का उद्देश्य भक्तों को पुण्य अर्जित करने और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है। खासतौर पर एकादशी व्रत का पारण करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके पापों का नाश होता है।
12 दिसंबर 2024 का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस दिन अखंड द्वादशी और एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा, साथ ही साथ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का ध्यान रखते हुए, भक्तों को उनके कार्यों में सफलता और शुभ फल की प्राप्ति होगी। राहुकाल से बचते हुए इस दिन को पूरी श्रद्धा और निष्ठा से मनाएं, ताकि जीवन में सुख और समृद्धि का वास हो।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।