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7 दिसंबर से शुरू होगा पंचक: इन कार्यों से बचें, जानिए इसका महत्व और सावधानियां

7 दिसंबर से शुरू होगा पंचक: इन कार्यों से बचें, जानिए इसका महत्व और सावधानियां

दिसंबर महीने में 7 तारीख से...PS

दिसंबर महीने में 7 तारीख से पंचक का आरंभ हो रहा है, जो ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक विशेष खगोलीय स्थिति को दर्शाता है। पंचक का समय अक्सर शुभ और अशुभ कार्यों के संदर्भ में खास माना जाता है। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि इन दिनों कौन-कौन से कार्य नहीं करने चाहिए और इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।


पंचक क्या है?


पंचक वह खगोलीय स्थिति है, जब चंद्रमा कुम्भ और मीन राशियों में प्रवेश करता है। यह समय पांच दिनों तक चलता है और इसमें कुछ विशेष कार्यों को वर्जित या अशुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में पंचक का विशेष महत्व है, क्योंकि यह विभिन्न प्रकार के कार्यों और निर्णयों पर प्रभाव डालता है।


पंचक का आरंभ और समाप्ति समय


इस बार पंचक का आरंभ 7 दिसंबर, शनिवार को होगा और इसका समापन 11 दिसंबर को होगा। इन दिनों को ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष सावधानी के साथ देखने की सलाह दी जाती है।


पंचक में क्या न करें?


पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इन वर्जित कार्यों के बारे में:


1. मकान या भवन निर्माण का आरंभ

पंचक में भवन निर्माण या नींव डालने का कार्य अशुभ माना जाता है। इससे जुड़े कार्यों को टालना चाहिए।


2. लकड़ी से जुड़े कार्य

पंचक में लकड़ी का सामान काटने, खरीदने या संग्रह करने से बचें। ऐसा माना जाता है कि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है।


3. यात्रा का आरंभ

लंबी या महत्वपूर्ण यात्रा पंचक के दौरान शुरू करना अशुभ माना जाता है। विशेषकर दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें।


4. मृतक का अंतिम संस्कार

पंचक के दौरान किसी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से पहले विशेष उपाय किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


5. धन और संपत्ति से जुड़े निर्णय

इस अवधि में बड़े आर्थिक लेन-देन या संपत्ति खरीदने से बचने की सलाह दी जाती है।


पंचक के उपाय


यदि पंचक के दौरान कोई कार्य करना अत्यंत आवश्यक हो, तो ज्योतिषीय उपायों का सहारा लिया जा सकता है।


●विशेष पूजा-अर्चना और दान-पुण्य करें।

●दक्षिण दिशा की यात्रा से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करें।

●मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान पांच प्रकार के पुतले बनाकर उनका भी दाह संस्कार करें।


पंचक का महत्व


पंचक न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों पर भी गहरा प्रभाव डालता है। यह समय आत्मचिंतन और सावधानीपूर्वक निर्णय लेने का है।


इस पंचक के दौरान सभी जरूरी नियमों और उपायों का पालन करें ताकि जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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