लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार होंगे बिहार में राजग का चेहरा
- In बिहार 13 Sept 2018 1:21 PM IST
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने लोकसभा चुनाव से पहले साफ कर दिया है कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो चेहर होंगे। पहला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। इस बात की जानकारी बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दी। सिंह ने उम्मीद जताई कि सितंबर महीने के आखिर तक भाजपा और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता हो जाएगा।
वशिष्ठ नारायण सिंह अपने आवास पर मीडिया से रू-ब-रू थे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यों से देश में अपनी एक खास पहचान बनाई है। इसलिए वे आगामी आम चुनावों में पार्टी का चेहरा होंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री राजग का चेहरा होंगे जिन्होंने विकास की राजनीति को आगे बढ़ाया है।
सिंह ने बताया कि 16 सितंबर को जदयू प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की रणनीति पर विचार विमर्श होगा। इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और और पार्टी के महाचिव केसी त्यागी भी मौजूद होंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि राजग में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत आगे बढ़ चली है। उम्मीद है अगले महीने तक भाजपा, जदयू, लोजपा और रालोसपा के बीच सीटों के बंटवारे का मुद्दा सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस बारे में अगले महीने घोषणा करेंगे।
सीटों के तालमेल को लेकर एनडीए के दलों के बीच कई दौर में बातचीत हो चुकी है। भाजपा के साथ भी सीट समझौते को लेकर बातचीत सकारात्मक है और चारों दलों में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इसका फैसला महीने के आखिर तक हो जाएगा।
भाजपा का 40 सीट जीतने का लक्ष्य
भाजपा की बोधगया में बुधवार को दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक संपन्न हुई। पार्टी ने अपने नेता-कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा गांवों में जाएगी और आम लोगों से संवाद स्थापित करेगी। पार्टी के नेता, कार्यकर्ता गांवों में रात बिताएंगे और स्थानीय लोगों से रूबरू होंगे।
नेताओं ने माना कि हाल के दिनों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की चुनौतियां बढ़ी हैं, लेकिन इस चुनौती को अवसर में बदलने की जिम्मेवारी भी पार्टी की है। सूबे में पार्टी अपनी जमीनी ताकत का विस्तार करेगी और संगठन को और धारदार बनाएगी।
पार्टी ने कार्यकर्ताओं को सभी 40 लोकसभा सीट को लेकर अपनी रणनीति को आम आदमी तक पहुंचाने का दायित्व सौंपा। पार्टी अपने एक-एक कार्यकर्ता की ताकत का इस्तेमाल करेगी।