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इन आतंकी सरगनाओं पर कब कसेगा शिकंजा

इन आतंकी सरगनाओं पर कब कसेगा शिकंजा

मसूद अजहर के अलावा ऐसे कई...Editor

मसूद अजहर के अलावा ऐसे कई आतंकी सरगना हैं जो पड़ोसी देश पाकिस्तान में आश्रय लिए हुए हैं। पाकिस्तान उनके लिए अभ्यारण्य साबित हो रहा है। भारत के इन सर्वाधिक वांछित अपराधियों द्वारा वह अपने हितों की पूर्ति करता रहता है। भारत ने इन लोगों को सूची कई बार पाकिस्तान को सौंपी है, लेकिन उसके कानों पर जूं नहीं रेंगती।

हाफिज सईद

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में जमात उद दावा नामक संगठन चलाता है। 2008 में मुंबई हमले का सूत्रधार रहा जिसमें 164 लोग मारे गए। इसी हमले के बाद अमेरिका ने इसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है। 2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी इसका हाथ रहा। 2001 में भारतीय संसद तक को इसने निशाना बनाया। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।

सैयद सलाहुद्दीन

कश्मीर में आतंक फैलाने वाले हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है। इसी संगठन के नेतृत्व में यूनाइटेड जेहाद काउंसिल नामक बैनर के तले कई छोटे-छोटे आतंकी संगठन कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। जून, 2017 में अमेरिका ने इसे वैश्विक आतंकी घोषित किया।

दाऊद इब्राहीम

पाकिस्तान में छिपा यह अपराधी भारतीय संगठित अपराध गिरोह डी कंपनी का मुखिया है। भारत में हत्या, उगाही, ड्रग तस्करी, आतंकवाद जैसे कई मामलों में यह वांछित है। 1993 में मुंबई में हुए सीरियल धमाकों का इसे मास्टरमाइंड माना जाता है। 2003 में भारत और अमेरिका ने इसे वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है। इसके सिर पर 2.5 करोड़ डॉलर का ईनाम है। फो‌र्ब्स और एफबीआइ की सूची में दुनिया के शीर्ष दस सबसे वांछित भगोड़ों में इसे तीसरा स्थान हासिल है।

छोटा शकील

दाऊद के इस गुर्गे को उसका दाहिना हाथ माना जाता है। 1988 में यह डी कंपनी में शामिल हुआ। माना जाता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ दाऊद के कारोबार को चलाने में इसकी मदद करती है। 1993 मुंबई सीरियल धमाकों का यह भी मोस्ट वांटेड है। अमेरिका ने भी इसे प्रतिबंधित कर रखा है।

टाइगर मेमन

इसका पूरा नाम इब्राहीम मुश्ताक अब्दुल रजक मेमन है। लोग इसे टाइगर मेमन के नाम से जानते हैं। दरअसल एक बार इसने एक ड्रग और हथियार तस्कर को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ने से बचाया था, तब इसने वन वे सड़क पर सौ किमी प्रति घंटे से तेज रफ्तार से कार दौड़ाई थी। इसके इसी कारनामे से अपराध जगत में इसे टाइगर कहा जाने लगा। 1993 के सीरियल मुंबई बम धमाकों में इंटरपोल और सीबीआइ की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। डी कंपनी का सदस्य है।

जकीउर रहमान लखवी

लश्कर-ए-तैयबा में दूसरे स्थान का आतंकी है। आतंकियों की नियुक्ति और किसको क्या काम देना है, यह इसके जिम्मे होता है। मुंबई हमले के दौरान सभी आतंकियों की नियुक्ति, उनका प्रशिक्षण और तैयारी सब इसी ने की थी। 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन धमाकों में शामिल आजम चीमा की नियुक्ति भी इसी ने की थी।

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