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दुनिया में बढ़ता कुपोषण का संकट

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  •  12 Aug 2024 5:48 PM IST

दुनिया में बढ़ता कुपोषण का संकट

दुनिया भर में कुपोषण एक गंभीर...PS

दुनिया भर में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। करीब 2 अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं, जिसका सीधा असर बच्चों के विकास पर पड़ रहा है। लगभग 14.8 करोड़ बच्चे कुपोषण के कारण ठीक से विकसित नहीं हो पा रहे हैं। इसके साथ ही, विडंबना यह है कि दूसरी ओर, 2 अरब से अधिक लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। यह असंतुलन वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती है।


कुपोषण के प्रमुख कारण और प्रभाव:


1.सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी: आयरन, आयोडीन, जिंक और विटामिन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि एनीमिया, कुपोषण, विकास में रुकावट और प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना।


2.असंतुलित आहार: अधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन, फलों और सब्जियों की कमी और असंतुलित आहार कुपोषण का एक प्रमुख कारण है।


3.गरीबी और असमानता: गरीबी, असमानता और खाद्य असुरक्षा भी कुपोषण का एक महत्वपूर्ण कारण है।


4.स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: उचित स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से भी कुपोषण की समस्या बढ़ती है।


कुपोषण के प्रभाव:


●शारीरिक विकास में रुकावट: बच्चों में कुपोषण से शारीरिक विकास में रुकावट, मस्तिष्क विकास में बाधा और प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


●अनिमिया: आयरन की कमी से एनीमिया होता है, जिससे थकान, कमजोरी और कार्य क्षमता में कमी होती है।


●गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं: गर्भवती महिलाओं में कुपोषण से कम वजन वाले बच्चों का जन्म, प्रीमैच्योर डिलीवरी और मातृ मृत्यु दर बढ़ने का खतरा रहता है।


●दिल के रोग और मधुमेह: कुपोषण से लंबे समय में दिल के रोग, मधुमेह, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


अफ्रीका और दक्षिण एशिया में स्थिति:


•अफ्रीका और दक्षिण एशिया महाद्वीपों में कुपोषण की समस्या सबसे अधिक गंभीर है। यहां करीब 2 से 3 अरब लोग स्वस्थ आहार प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। गरीबी, सूखा, युद्ध और अन्य प्राकृतिक आपदाएं यहां कुपोषण की समस्या को और बढ़ा रही हैं।


समाधान:


■कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि:


■स्वस्थ आहार को बढ़ावा देना: लोगों को स्वस्थ आहार के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना।


■सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाना: फलों, सब्जियों और अन्य पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाना।


■स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करके कुपोषण से पीड़ित लोगों को उचित उपचार उपलब्ध कराना।


■गरीबी और असमानता को कम करना: गरीबी और असमानता को कम करके लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।


कुपोषण एक वैश्विक समस्या है जिसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और आम लोगों को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए काम करना होगा।


अस्वीकरण: publickhabar.com पर प्रकाशित सभी स्वास्थ्य संबंधी लेखों को तैयार करते समय सावधानी बरती गई है। ये लेख केवल पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखे गए हैं। publickhabar.com लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना के लिए किसी भी तरह का दावा या जिम्मेदारी नहीं लेता है।


उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।



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