मार्गशीर्ष अमावस्या 2024, पितरों को श्रद्धांजलि देने का खास दिन और कौन से कार्य करें बचकर
- In जीवन-धर्म 30 Nov 2024 11:51 AM IST
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 इस साल 1 दिसंबर को मनाई जाएगी, जो विशेष रूप से पितरों के साथ जुड़ा हुआ पर्व है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि पितृ अपने परिजनों से मिलने के लिए धरती पर आते हैं, इसलिए यह दिन पितृ श्राद्ध, तर्पण, और दान-पुण्य के कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर इस दिन पिंडदान और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि:
2024 में मार्गशीर्ष अमावस्या की शुरुआत 1 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 32 मिनट से होगी और यह अगले दिन 2 दिसंबर को 11 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार अमावस्या तिथि 2 दिनों तक रहेगी, जो इसे विशेष महत्व प्रदान करती है।
क्या करें और क्या न करें इस दिन:
इस दिन खासतौर पर पूजा-पाठ, स्नान और दान-पुण्य करना बेहद लाभकारी रहता है। विशेष रूप से इस दिन पितृ तर्पण और पिंडदान करना परिवार के लिए सकारात्मक फल देने वाला होता है। हालांकि, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिनसे बचना चाहिए, ताकि आपको इस दिन का पूरा लाभ मिल सके।
क्या करें:
1. पितृ तर्पण और पिंडदान: यह दिन अपने पितरों को याद करने और उन्हें तृप्त करने का है। विशेष रूप से पिंडदान और तर्पण से पितृ शांत होते हैं और परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
2. स्नान और दान: इस दिन गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है। इसके बाद गरीबों और ब्राह्मणों को वस्त्र, अन्न और फल दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
3. पूजा-पाठ: इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी और शिव जी की पूजा करना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
क्या न करें:
1. नकारात्मक सोच: इस दिन नकारात्मक विचारों और गुस्से से बचने की कोशिश करें। मार्गशीर्ष अमावस्या का प्रभाव मानसिक शांति पर भी पड़ता है।
2. विवाद या झगड़े: परिवार के बीच किसी प्रकार के विवाद या झगड़े से बचें, क्योंकि यह पितृदोष का कारण बन सकता है और वातावरण में अशांति पैदा कर सकता है।
3. मांसाहारी भोजन और शराब: इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह दिन पवित्रता और आत्मिक उन्नति का है, और इनसे दूर रहकर आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या एक ऐसा समय है जब अपने पितरों के प्रति श्रद्धा और समर्पण का आदान-प्रदान किया जाता है। इस दिन से जुड़ी खास मान्यताएँ और आस्थाएँ इसे एक अत्यधिक पवित्र और महत्व पूर्ण दिन बनाती हैं। इस दिन किए गए अच्छे कर्मों से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।