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आज है दुर्गाष्टमी और गोपाष्टमी का व्रत, जानें दोनों व्रतों का महत्व और पूजा विधि

आज है दुर्गाष्टमी और गोपाष्टमी का व्रत, जानें दोनों व्रतों का महत्व और पूजा विधि

आज, 9 नवंबर 2024, विशेष रूप से...PS

आज, 9 नवंबर 2024, विशेष रूप से दुर्गाष्टमी और गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। दोनों व्रतों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। जहां एक ओर दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, वहीं दूसरी ओर गोपाष्टमी का दिन भगवान श्री कृष्ण की गायों के साथ लीला का स्मरण करते हुए विशेष पूजा का दिन है। आइए जानते हैं दोनों व्रतों के बारे में विस्तार से।


दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व


दुर्गाष्टमी व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा की जाती है। भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी दुर्गा की उपासना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी मां की आराधना करने से उनके आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान मिलता है। इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसकी कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं।


गोपाष्टमी व्रत का महत्व


दूसरी ओर, गोपाष्टमी का पर्व भी आज ही मनाया जा रहा है। यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसी दिन से उन्होंने अपनी प्रसिद्ध गौ चारण लीला शुरू की थी। गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा का विशेष महत्व है, और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत पवित्र माना जाता है। गायों को माता का रूप माना जाता है, क्योंकि वे न केवल आहार का स्रोत हैं, बल्कि उनका दूध और गोबर भी अनेक धार्मिक कार्यों में उपयोगी होता है। इस दिन गायों को सजाया जाता है, उनका पूजन किया जाता है और उन्हें अच्छे आहार दिए जाते हैं।


पूजा विधि


दुर्गाष्टमी की पूजा विधि: इस दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर का स्नान करके, उन्हें लाल फूलों, मेवा और घी से अभिषेक करना चाहिए। विशेष रूप से 'दुर्गा सप्तशती' का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। व्रत रखने वाले भक्त दिनभर उपवासी रहते हैं और रात्रि में देवी दुर्गा की आरती करते हैं।


गोपाष्टमी की पूजा विधि: इस दिन गायों को स्नान कराकर, उन्हें अच्छे आहार और मिठाइयाँ दी जाती हैं। विशेष रूप से उन्हें स्वच्छ करके ताजे बिचड़े पहनाए जाते हैं और फिर उनकी पूजा की जाती है। साथ ही, भक्त गायों के चरण धोकर उनका पूजन करते हैं और उनके दूध से ताजे प्रसाद का वितरण करते हैं।


आज का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जहां दुर्गाष्टमी के व्रत से मां दुर्गा की कृपा से व्यक्ति की जीवन यात्रा में सुख और समृद्धि आती है, वहीं गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा कर भक्त भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। इन दोनों व्रतों को श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए तो जीवन में सकारात्मक बदलाव और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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